मेरठ। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य तेजी पर है। प्रयागराज कुंभ मेले से पहले इसे पूरा करने की तैयारी है। मेरठ-बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास तक होगा। खरखौदा क्षेत्र के खड़खड़ी गांव में 16 लेन का टोल प्लाजा का निर्माण अंतिम दौर में है। जंगल में 15 किलोमीटर तक सड़क निर्माण हो गया है। अभी यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है, लेकिन बाद में इसे आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा। मेरठ से प्रयागराज तक का सफर सिर्फ छह घंटे में तय किया जा सकेगा और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे।
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर न केवल गाड़ियां दौडेंगी। गंगा एक्सप्रेसवे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के जरिए राज्य के अन्य एक्सप्रेसवे को भी जोड़ेगा।
गंगा एक्सप्रेसवे लंबाई के मामले में देश का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने वाला है। अभी जो सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है वो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है, जो 1,350 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। दूसरा सबसे लंबा मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे है जो 700 किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा लंबा है। निर्माणदायी संस्था आईआरबी के मुख्य महाप्रबंधक अनूप सिंह ने बताया कि खरखौदा क्षेत्र के गांव खड़खड़ी के जंगल में 16 लेन के टोल प्लाजा का निर्माण अंतिम दौर में है। इसे ग्रीनफील्ड परियोजना को समय रहते ही पूरा कर लिया जाएगा। मेरठ-हापुड़ सेक्टशन पर 60 फीसदी तक काम पूरा हो गया है।