Friday, November 22, 2024

जीडीए वीसी ने छह माह में लगाया उपलब्धियों का छक्का,पास कराई गाजियाबाद महायोजना,हर कर्मचारी और अधिकारी पर कैमरे से नजर

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के नए एवं युवा उपाध्यक्ष अतुल वत्स अपनी कार्यशैली और ठोस फैसलों को लेकर चर्चाओं में बने हुए हैं। हालांकि जीडीए वीसी के रूप में उनका कार्यकाल अभी महज छह माह का ही हुआ है, लेकिन इस छोटे से कार्यकाल में अतुल वत्स ने सालों साल से अटके मामलों में ठोस निर्णय लेकर ना सिर्फ अपनी काबिलियत को दर्शाया है, बल्कि सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

 

2016 बैच के आईएएस अधिकारी अतुल वत्स ने 16 मार्च को जीडीए के वीसी के रूप में चार्ज संभाला। जीडीए में करीब ढाई साल बाद पूर्ण रूप से किसी आईएएस की उपाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति की गई थी। ऐसे में जीडीए वीसी के रूप में अतुल वत्स के सामने कई चुनौतियां थीं। जीडीए वीसी के रूप में उन्होंने सभी चुनौतियों को स्वीकार किया और एक नई उम्मीद के साथ प्राधिकरण को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का संकल्प लिया। अपने छह माह के कार्यकाल में उन्होंने छह नई उपलब्धियों का छक्का लगाकर सरकार द्वारा पूर्णकालिक वीसी की नियुक्ति के फैसले को सही ठहराया है।

पास कराई गाजियाबाद महायोजना 2031

जीडीए वीसी के रूप में अतुल वत्स के चार्ज लेते ही महायोजना 2031 के  प्लान पर शासन द्वारा आपत्ति लगा दी गई। इस पर जीडीए के अधिकारियों खासकर मुख्य नगर नियोजक (सीटीपी) अजय कुमार सिंह की खूब किरकिरी हुई। वीसी अतुल वत्स ने सीटीपी अजय कुमार से इस बारे में जवाब तलब किया और उनको पद से हटा दिया। इसके बाद वीसी अतुल वत्स ने नए सिरे से महायोजना 2031 का प्लान तैयार कराकर जीडीए बोर्ड से पास कराया और फिर शासन को भेजा। इस बार महायोजना प्लान 2031 को शासन द्वारा मंजूर कर लिया गया है। बताते हैं कि यह  दीपावली से पहले पास हो जाएगा।

हरनंदीपुरम योजना निर्माण की मंजूरी

गाजियाबाद क्षेत्र में आवास की बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में भी वीसी अतुल वत्स ने काम किया। उन्होंने इंदिरापुरम टाउनशिप की तर्ज पर एक नई आवासीय टाउनशिप हरनंदीपुरम बसाने का खाका तैयार किया और उसके निर्माण को सरकार की मंजूरी दिलाकर दूसरी बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली। जीडीए वीसी ने बोर्ड बैठक में इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दिलवाई। 541 हेक्टेयर (1300 एकड़ से अधिक) में फैली यह टाउनशिप क्षेत्र में रियल एस्टेट बाजार को बढ़ावा देने के साथ गाजियाबाद की रियल एस्टेट क्षमता का दोहन करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी। ये नई टाउनशिप हिंडन नदी के पास विकसित की जाएगी। प्रदेश सरकार परियोजना लागत का 50 प्रतिशत हिस्सा वहन करेगी। जबकि शेष राशि प्राधिकरण द्वारा वहन की जाएगी।

अवैध निर्माण रोकने को सेटेेलाइट से अंकुश

जीडीए के कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों के संरक्षण में शहर में हो रहे अवैध निर्माण पर वीसी अतुल वत्स ने आते ही अंकुश लगाने की तैयारी की। इस कड़ी में जीडीए सीमा क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकने के लिए सेटेलाइट इमेज के जरिए अंकुश लगाने का प्लान तैयार किया गया। इसी के साथ अपना लैंड बैंक बनाने की कार्ययोजना तैयार की गई। जीडीए वीसी का कहना है कि सेटेलाइट इमेज के माध्यम से यह पता चल जाएगा कि किस प्रवर्तन टीम के साथ अवैध निर्माण हुआ है। उनका कहना है कि सेटेलाइट इमेज की पिक्चर इतनी क्लीयर होती है कि इससे अवैध निर्माण को छिपाया जाना संभव नहीं होगा।

नीलामी में 142 करोड़ की संपत्ति बेचकर भर दिया खजाना

जीडीए वीसी अतुल वत्स ने जीडीए की रिक्त संपत्तियों को बेचने के लिए ‘पहले आओ-पहले पाओ’ योजना शुरू की। इस योजना के तहत उन्होंने दो दिन में 142 करोड़ रुपए की संपत्ति बेचकर जीडीए का खाली पड़ा खजाना भर दिया। जीडीए की इस योजना में खरीदारों ने भी खासी दिलचस्पी दिखाई। यही कारण रहा कि दो दिन की नीलामी प्रक्रिया में 42 संपत्तियां धड़ाधड़ बिकीं और जीडीए ने 142 करोड़ रुपए कमा लिए।

जीडीए हुआ पेपर लेस और हाईटेक

जीडीए वीसी ने आते ही विभाग को हाईटेक और पेपरलेस करने की दिशा में जोर दिया। जिसका नतीजा यह हुआ कि अब जीडीए ने अपने सभी कामों को ऑनलाइन कर दिया है। आज जीडीए के सभी विभाग पेपरलेस हैं। विभाग को पेपरलेस करने का काम एक महीने पहले शुरू किया गया था। इससे आवंटियों और शिकायतकर्ताओं को लाभ हो रहा है। बता दें कि जीडीए की 20 से अधिक आवासीय और व्यावसायिक योजनाएं हैं। इन सभी की डिटेल्स फ ाइलों में थी। अब इन फ ाइलों का सारा डेटा ऑनलाइन उपलब्ध है। इसके लिए अब किसी कर्मचारी के पास भागदौड़ करने की जरूरत नहीं है। अब सब कुछ एक क्लिक पर उपलब्ध होगा।

हर कर्मचारी और अधिकारी पर कैमरे से नजर

जीडीए के कर्मचारी अब समय पर दफ्तर पहुंच रहे हैं और अपने काम पर ध्यान दे रहे हैं। यह सब जीडीए वीसी द्वारा अपनाई गई कार्यशैली से संभव हुआ है। जीडीए वीसी की सख्ती के चलते अब हर कर्मचारी समय और अपने काम के प्रति गंभीर दिखाई देता है। हर कर्मचारी के कमरे में कैमरे लगे हैं। कौन अधिकारी और कर्मचारी ऑफि स में कितने बजे आ रहा है, अपनी सीट पर कितने बजे तक बैठ रहा है, सीट पर बैठकर काम कर रहा है या सिर्फ पूरा समय मोबाइल देखने में व्यतीत कर रहा है, इसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। यदि कोई अपनी सीट पर नहीं बैठा है तो जीडीए वीसी बीच.बीच में फ ोन भी करवाकर उसकी लोकेशन ले रहे हैं। पहले जहां जीडीए ऑफि स की गैलरी में कर्मचारियों की भीड़ रहती थी, लेकिन वीसी की सख्ती के बाद अब वहां सन्नाटा  है। कर्मचारी अपनी सीट पर ही बैठकर काम करते हैं।

खुलेंगे रोजगार के रास्ते, प्रदेश में नंबर वन पर होगा शहर

अपनी आगे की कार्ययोजनाओं के  बारे में जीडीए वीसी अतुल वत्स का कहना है कि गाजियाबाद को विकास के मामले में प्रदेश में नंबर वन जिला बनाना है। इसके लिए उनके पास कई कार्ययोजनाएं हैं। जिन पर आने वाले दिनों में अमल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी महायोजना 2031 और हरनंदीपुरम पर फ ोकस है। वीसी मानते हैं कि टीओडी जोन बनने से युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय