Sunday, December 22, 2024

अपने हृदय को दें सुरक्षा, ताकि चलता रहे आपका जीवन

‘प्रिवेंशन इज बेटर देन क्योर’ यह हम कितनी बार सुनते आए हैं पर इसे अमल में लाना शायद हो ही नहीं पाता। अगर हम इसे अमल में ले आएं तो हृदय रोगों से अपना बचाव कर सकते हैं।

अगर हमारा हृदय स्वस्थ है तो हमारा शरीर स्वस्थ है। हृदय के स्वास्थ्य के लिए इन टिप्स को अपनाएं जो बहुत साधारण हैं और अगर हम इनको अपने जीवन का अंग बनाएं तो हृदय रोग पर काबू पाया जाना संभव हो सकता है।

क्या खाएं, क्या न खाएं:- सबसे पहले अपनी खाने की आदतों पर ध्यान दें। वसा का सेवन कम करें, तैलीय भोजन व मीठे भोज्य पदार्थ जैसे केक, चॉकलेट, कुकीज़, पेस्टरीज का सेवन कम करें। रोटी पर घी या तेल न लगाएं। स्किम्ड मिल्क का सेवन करें। रेड मीट के सेवन की बजाय मछली का सेवन करें जिससे आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड की प्राप्ति हो।

फाइबर या रेशेयुक्त भोज्य पदार्थ खाएं जैसे फल, सब्जिय़ां, साबुत अनाज, दालें आदि। प्राय: सब्जियां पकाते समय बहुत मात्रा में घी या तेल का प्रयोग किया जाता है इसलिए स्टीम्ड वेजिटेबल्स व सलाद का सेवन करें। अगर सब्जी पका रहे हैं तो इसमें भी कम से कम घी या तेल का प्रयोग करें। नारियल व नारियल की चटनी का प्रयोग कम से कम करें।

फ्रूट जूस की बजाय फलों का सेवन करें। दिन में कम से कम दो बार सलाद का सेवन करें। सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स कम लें। परांठा आदि के स्थान पर तंदूरी भोज्य पदार्थ लें। क्रीम और बटर युक्त भोज्य पदार्थ कम से कम लें।
चाइनीज व्यंजनों में भी फ्राइड की बजाय स्टीम्ड नूडल्स या अन्य व्यंजन लें। पिज़ा आदि भी कम चीज़ वाले लें।

ग्रिल्ड सैंडविच, बर्गर का ही सेवन करें। ध्यान रखें कि आयल की कुछ मात्रा तो हमारे शरीर के लिए आवश्यक है पर अधिक मात्रा मोटापा व हृदय रोगों का शिकार बना सकती है, इसलिए अपने भोजन में इसकी मात्रा पर विशेष ध्यान दें। ऑलिव आयल या सूरजमुखी तेलों का प्रयोग करें।

व्यायाम:- नियमित हल्के-फुल्के व्यायाम आपके शरीर व हृदय के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी हैं। हमारा शरीर जितना अधिक शारीरिक श्रम करेगा, उतनी ही ऊर्जा खर्च होगी जिसकी पूर्ति के लिए कैलोरी की खपत बढ़ जाती है और शरीर पर चर्बी नहीं जमा होती, इसलिए बैठने से बेहतर है खड़े होना और खड़े होने से बेहतर है चलना।

पैदल चलना सबसे अच्छा और आसान व्यायाम है। पैदल चलने से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। मांसपेशियां मज़बूत बनती हैं। हृदय और फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है।
अच्छी नींद आती है और तनाव दूर होता है इसलिए प्रतिदिन आधा घंटा सैर या हल्के व्यायाम जैसे जागिंग, तैराकी आदि करें। व्यायाम शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटाता है। व्यायाम वजऩ घटाने में भी सहायक है।

धूम्रपान न करें:- हृदय रोगों का एक सबसे प्रमुख कारण है धूम्रपान। इससे हमारे हृदय की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचता है। इसके कारण हृदय को पहुंचने वाली ऑक्सीजन में बाधा आती है और रक्तवाहिनियों को नुकसान पहुंचता है। इसलिए हृदय के स्वास्थ्य के लिए इसका प्रयोग न करें।

तनावमुक्त रहें:- विशेषज्ञों के अनुसार तनाव रक्त में कोलेस्ट्रोल के स्तर को बढ़ा देता है इसलिए तनावमुक्त रहने का यथासंभव प्रयत्न करें। आशावादी दृष्टिकोण अपनाएं। मानसिक तनाव से फ्री रैडिकल्स उत्पन्न होते हैं जो कोशिकाओं पर आक्रमण कर उन्हें हानि पहुंचाते हैं।

मेडिकल चेकअप कराएं:- समय-समय पर मेडिकल चेकअप करवाते रहें। चेकअप जैसे रक्तचाप की जांच, वजन की जांच, रक्त में कोलेस्ट्रोल और ट्रिग्लिसिराइड की जांच जिससे आप समय पर अपने रोग को पकड़ लें और उसकी रोकथाम कर सकें।

यदि आपकी उम्र 30 वर्ष से अधिक है तो हर दो साल में एक बार कोलेस्ट्रॉल की जांच अवश्य करवाएं। कोलेस्ट्रॉल की उच्च मात्रा का मतलब यह है कि आपको दिल की बीमारी या हृदयाघात होने का खतरा बढ़ जाता है। तुरन्त अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्यवर्धक रहन सहन अपनाएं।
– सोनी मल्होत्रा

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