रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग में गैर-हिंदुओं और रोहिंग्या मुसलमानों व फैरी वालों के गांव में एंट्री बैन को लेकर प्रदेश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। विपक्ष इस मामले को लेकर सरकार को आड़े हाथों ले रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने सरकार पर तंज कसते हुए इसे भाजपा की कायराना हरकत करार दिया है। पूर्व सीएम हरीश रावत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह भाजपा की कायराना हरकत थी। कायरों में स्थितियों को झेलने का साहस नहीं होता है।
जैसी ही मीडिया में ये समाचार आए तो भाजपा ने पोस्टर हटा लिए। यह जो कुछ उन्होंने किया है वह भाजपा की सोची सुनियोजित और घृणा फैलाने की कायराना हरकत थी। उपचुनाव को लेकर उन्होंने कहा है कि भाजपा के पास बताने को कुछ नहीं है। इनके पास बताने को कुछ होता तो ये विकास के मुद्दे, जनकल्याण के मुद्दे पर चुनाव में जाते। रुद्रप्रयाग में जो इन्होंने किया है वह इस हरकत का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए कुछ नहीं रह गया है। सरकार सिर्फ यूसीसी का राग अलाप रही है।
रुद्रप्रयाग की घटना भाजपा की कायरना हरकत का प्रमाण है। बता दें कि हाल ही में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कई गांवों में गैर-हिंदुओं और रोहिंग्याओं के प्रवेश पर रोक लगाने के वाले साइन बोर्ड लगाए गए थे। इसको लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने बोर्ड लगाने को लेकर विरोध जताया है। वहीं पुलिस ने कहा था कि यदि कोई माहौल बिगाड़ने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।