गाजियाबाद। गाजियाबाद पुलिस ने हाथरस कांड को दोहराने की कोशिश की है। क्रॉसिंग रिपब्लिक की एक सोसाइटी महिला सुरक्षाकर्मी की दुष्कर्म के बाद मौत होने के मामले में पीड़ित परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता के मौसेर भाई ने आरोप लगाया कि पुलिस हाथरस कांड जैसी कार्रवाई करने का प्रयास कर रही है। पुलिस देर रात शव को लेकर घाट पर अंतिम संस्कार के लिए पहुंच गई।
आरोप है कि पोस्टमार्टम के दौरान उन पर शव झारखंड ले जाने का दबाव बनाया और बाद में पुलिस शव गाजियाबाद के हरनंदी नदी के घाट पर लाकर अंतिम संस्कार का दबाव बनाने लगी। परिजनों ने पुलिस को कहा कि उनके यहां सूरज ढलने के बाद अंतिम संस्कार नहीं होता है, फिर भी पुलिस अंतिम संस्कार का दबाव बना रही थी।
आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी का घाट का वीडियो बनाने पर एसीपी वेव सिटी सलोनी अग्रवाल के हमराह ने उनका मोबाइल तोड़ दिया। मीडियाकर्मियों के पहुंचने के बाद सभी पुलिसकर्मी नदारद हो गए। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने एंबुलेंस की चाभी भी छीन ली और एंबुलेंस के चालक को अपने साथ ले गए। शव भी एंबुलेंस में ही रखा है। वहीं, एसीपी ने इन आरोपों से इनकार किया है।
ये है पूरा मामला
में रविवार दोपहर मेंटेनेंस इंचार्ज द्वारा दुष्कर्म के बाद जहरीला पदार्थ खाने वाली महिला सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। झारखंड के गिरीडीह की पीड़िता को स्वजन देर रात नोएडा से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले गए थे। यहां सोमवार सुबह पीड़िता ने दम तोड़ दिया। थाना क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने केस दर्ज कर अलीगढ़ में टप्पल के आरोपित अजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
पीड़िता ने दिया था लिखकर बयान
पीड़िता की हालत इतनी खराब थी कि वह बयान तक नहीं दे पाई। अस्पताल के पर्चे पर ही पीड़िता ने सिर्फ एक लाइन में लिखा कि अजय सर ने मेरे साथ बहुत गंदा काम किया है। बयान के नीचे पीड़िता हस्ताक्षर भी बमुश्किल कर पाई। मौत से पहले पीड़िता का यही अंतिम बयान अजय के खिलाफ सबसे प्रमुख साक्ष्य है।