छुट्टी के दिन, मस्ती के दिन। वर्ष भर सारा समय यूनिफार्म तैयार करने, बैग सेट करने, स्कूल जाने, होमवर्क करने, ट्यूशन पढऩे और पढ़ाई करते हुए इम्तिहान की तैयारी में बीतता है। इन सबसे जब छुट्टी मिलती है तो हर कोई मौज-मस्ती के मूड में होता है। असल में छुट्टी के दिन होते हैं अपने मन की करने के। सुबह देर से जागो, मन चाहे तो देर से सोओ मगर छुट्टी भी एक-दो दिन ही अच्छी लगती है। फिर शुरू हो जाती है बोरियत।
इस बोरियत को मनोरंजन में बदलने के लिए आप समय-समय पर बहुत कुछ कर सकते हैं। छुट्टी बिताने किसी जगह घूमने जाना सबसे अच्छा आइडिया है। नानी-दादी, ताऊ या बुआ के घर रहने जा सकते हैं। समर कैंप में प्रवेश ले सकते हैं। बड़े किसी कोर्स में प्रवेश न भी लें, तो भी छोटी-छोटी लगने वाली बहुत सी चीजें होती हैं जो इन दिनों बड़े आराम से सीखी जा सकती हैं।
इन मस्ती के दिनों में अमूमन मम्मी भी बार-बार नहीं कहतीं कि छोड़ो इन सब कामों को, चलो पढ़ लो। घर में बड़ों को भी प्रसन्नता ही होगी, जब आप उन्हें बताएंगे कि आज खेल-खेल में हमने यह नया सीखा। खुद ही अपनी पसंद की चीजें सीखें और बनाएं। मनचाही जगहों पर घूमें।
सैर पर जाएं: छुट्टी के दिन वैसे तो सीधे-सीधे घूमने-फिरने से जुड़े हैं। बहुत सी ऐसी जगहें होंगी जो आपके शहर में हैं मगर आप वहां तक पहुंच ही नहीं पाए। उन जगहों पर जा कर उन्हें देखें। चिडिय़ाघर की सैर करें या म्यूजियम घूमें। यदि संभव हो तो परिवार के सदस्यों के साथ तपती गर्मी से राहत पाने के लिए किसी हिल स्टेशन पर चले जाएं।
किसी भी हिल स्टेशन पर पहुंच कर, उस जगह की विशेषताएं पता लगाएं। वहां की खास खाने की चीजों का स्वाद लें। वहां के खास वाहनों पर सफर करें। बर्फीले पहाड़ों आदि पर घूमते हुए ढेरों फोटो खींचें। अपने दोस्तों के लिए उस जगह के विशेष गिफ्ट लाना न भूलें।
खेलो-कूदो, मजे करो: बहुत से खेल ऐसे होते हैं जिन्हें बड़े खिलाडिय़ों को आप टीवी आदि पर खेलते देखते हैं। मन में इच्छा होती है कि आप भी वे खेल खेलें। अब वक्त है किसी खेल अकादमी में जा कर इन खेलों की बारीकियां सीखने का। बहुत से बच्चे साइकिल चलाने से घबराते हैं। इन दिनों पापा, चाचा या किसी दोस्त की मदद से साइकिल चलाना सीखा जा सकता है।
तैराकी व योगा : तैराकी नहीं आती तो तैराकी क्लास में जाएं। तैराकी अपने आप में एक व्यायाम है। वैसे आजकल बच्चे आउटडोर गेम्स के लिए समय बहुत कम निकाल पाते हैं, इसलिए अच्छा हो कि शरीर, आंखों आदि को दुरूस्त रखने के लिए योग सीख लें।
इनडोर गेम्स खेलें : गरम होकर हवाएं जब लू का रूप ले चुकी हों तो ऐसे में घर के अंदर रहना ही बेहतर है मगर घर में बैठ कर बोर थोड़े न होना है। लूडो, कैरम, प्लेइंग कार्ड्स, चेस, वर्ल्ड पावर, सांप और सीढ़ी, घर-घर, कुछ भी देर तक खेलें। बहुत मजा आएगा। गर्मियों की लंबी दोपहरे खेलते, जीतते-हारते कब बीत गईं, पता भी न चलेगा।
कंप्यूटर-इंटरनेट से दोस्ती : आज ज्यादातर बच्चे कंप्यूटर जानते हैं। घर के किसी बड़े सदस्य या बहन-भाई से वह जानकारी लें जिसकी आपके पास कमी है। कंप्यूटर सेंटर में दाखिला भी ले सकते हैं। नए साफ्टवेयर्स की जानकारी, नेट सर्फिंग, एनिमेशन, कंप्यूटर गेम्स सीखें।
पेंटिंग व अभिनय सीखें : हर बच्चे के अंदर छिपा होता है एक कलाकार। रंगों से कैसे खेलना है, कोई भी चित्र सही अनुपात में कैसे बनेगा आदि बातों की जानकारी कला अध्यापक देंगे। फुर्सत के क्षणों में हाथ से नई-नई चीजें बनाई जा सकती हैं। अभिनय सीख सकते हैं। अभिनय का रोल स्कूल-कॉलेज या आगे कभी भी मिल सकता है। हो सकता है आपकी मेहनत रंग लाए और आप टीवी या फिल्म में किसी किरदार के लिए चुन लिए जाएं।
खाना बनाना व सजाना सीखें : सप्ताह में एक दिन आप मां को आराम दे सकते हैं और खाना स्वयं बना सकते हैं। खाना न भी बनाएं तो भी हल्की-फुल्की चीजें जैसे चाय बनाना, शिकंजी बनाना, दही जमाना, पापड़ भूनना, फल-चाट बनाना, भेलपूरी आदि बनाना सीख सकते हैं। और तो और, खाने को सलीके से परोसना , खाने से पहले टेबल लगाना, सलाद सजाना आदि जीवन भर काम आएगा। बनाएं-सजाएं, फिर दोस्तों के साथ पार्टी मनाएं।
बागवानी सीखें : पर्यावरण की रक्षा, हरियाली को बढ़ावा आदि की धूम चारों ओर है। यह तभी संभव है, जब आप बच्चे इसमें रूचि लें। देखें कैसे धरती को उर्वर बनाया जाता है, कैसे क्यारी तैयार कर बीज बोया जाता है, कैसे अंकुर फूटने पर खुशी मिलती है। कैसे पौधे को पानी-खाद दी जाती है, गोडाई की जाती है, फिर फूल, फल, सब्जी लगने के बाद कैसी खुशी मिलती है। घर में बड़ा सा बगीचा नहीं है तो गमलों से शुरूआत करें।
सब बच्चे मिल कर मोहल्ले के बगीचे में भी तुलसी, मीठी नीम, एलोवेरा, फूल आदि के पौधे लगा कर वाहवाही व खुशी पा सकते हैं। बहुत सी जानकारी आप माली काका से भी ले सकते हैं।
गर्मी की लंबी छुट्टियां, लंबे दिन। समय काटे न कटे तो कहानी-कविता लिखें, लाइब्रेरी में मनचाही किताबें ला कर पढ़ें, गिफ्ट रैपिंग सीखें, कोई दूसरी भाषा सीखी जा सकती है। ग्रीटिंग कार्ड बनाएं, किसी कमजोर विषय की ट्यूशन लगा लें, सीना, काढऩा, बुनना सीखें।
डांस, संगीत या गायन सीखें, फूल-सज्जा सीखें, जो-जो सीखें उसका अभ्यास भी अवश्य करें। छुट्टियों का मजा दोगुना हो जाएगा, जब छुट्टियों के बाद आपको अपने अंदर गुणों में बढ़ोत्तरी दिखेगी और लोगों से मिलेगी समय-समय पर वाहवाही।
– नरेन्द्र देवांगन