लखनऊ- उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को निकाय चुनाव के लिये नगर निगम अधिनियम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन की सिफारिश की है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में दोनों अधिनियमों में संशोधन की सिफारिश की गयी है। सरकार ने पिछले साल चार दिसंबर को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की घोषणा की थी जिसमें ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए थे।
हालांकि, कुछ लोगों ने सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी और अदालत के निर्देश पर ओबीसी को आरक्षण देने के लिए एक समर्पित आयोग का गठन किया गया था जिसने नौ मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी। इस बीच राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ बिंदुओं को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
दो दिन में चुनाव प्रक्रिया शुरू करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्धारित समय में प्रक्रिया शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, “ उच्चतम न्यायालय में हमारे वकील ने कहा है कि प्रक्रिया दो दिन के भीतर यानी सोमवार को शुरू की जाएगी। इस प्रक्रिया में राज्यपाल शामिल हैं। सब कुछ समय पर होगा।”
गौरतलब है कि सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में यूपी में ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने को हरी झंडी दे दी थी। शीर्ष अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को दो दिनों के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करने का भी आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने निकाय चुनाव को लेकर योगी सरकार द्वारा गठित ओबीसी आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया था।
उल्लेखनीय है कि शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायत शामिल हैं।