मोरना (मुजफ्फरनगर)। सीकरी शरीफ गांव के सूफ़ी परंपरा के प्रतिष्ठित धर्मगुरु हजरत हाफिज अली हसनेन का मंगलवार सुबह इंतिकाल हो गया। लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे हाफिज अली हसनेन के निधन से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। उनके अंतिम दर्शन और रसूमात में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में अनुयायी और अकीदतमंद उमड़ पड़े।
मुज़फ्फरनगर में एसडी कॉलेज में छात्रा को पीटा था , पुलिस ने कर दिया इलाज, बदल गए स्वर !
मोरना ब्लॉक के गांव सीकरी शरीफ में जैसे ही उनके इंतिकाल की खबर फैली, आसपास के गांवों से लेकर दूरदराज़ के शहरों तक से लोग सीकरी पहुंचने लगे। मुरादाबाद, सम्भल, बदायूं, बिजनौर, कलियर शरीफ, बरेली, बुलंदशहर सहित कई जिलों से भारी संख्या में मुरीद और अनुयायी वहां इकट्ठा हुए। हर आंख नम थी, और लोगों की जुबां पर सिर्फ हजरत के सद्के और उनकी शिक्षाओं की बातें थीं।
शाम को उन्हें साबरी दरगाह शरीफ में सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। रस्म-ए-अख़िरी में कई प्रमुख धर्मगुरु, समाजसेवी, क्षेत्रीय गणमान्य व्यक्ति और उनके परिवारजन मौजूद रहे। अंतिम विदाई के दौरान पूरी दरगाह परिसर में शांति और श्रद्धा का वातावरण बना रहा।
मीरापुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: मुठभेड़ में दो शातिर बदमाश घायल, अवैध हथियार व बाइक बरामद
हाफिज अली हसनेन अपने सरल स्वभाव, सूफी विचारधारा और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने वाले प्रवचनों के लिए जाने जाते थे। उनकी शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को मार्गदर्शन देती रहेंगी।