Sunday, December 22, 2024

बच्चों का खाना हो सेहत भरा

बड़े होकर शरीर कितना स्वस्थ है, इसका आधार तो बचपन में लिए अच्छे आहार से बन जाता है। प्रारंभ से ही बच्चों की संतुलित खुराक पर ध्यान दिया जाए तो बच्चों का बेस स्वास्थ्य से भरा बन जाता है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है जिससे बार बार बीमार नहीं पड़ते। बचपन से ही उनकी खुराक में कैल्शियम, विटामिंस, फाइबर और कार्बोहाइडे्रट की उचित मात्र हो तो उनका आधार बचपन से ही सेहतमंद रहेगा। हर मां की दिली ख्वाहिश होती है कि उसका बच्चा सेहतमंद हो पर कहीं न कहीं गड़बड़ी या भ्रांति होने से बच्चा बीमार पड़ता रहता है। आइए जानें कैसी खुराक बच्चों को बचपन से दें ताकि व सेहतमंद रहे।

हरी सब्जियां बढ़ाती हैं खून की मात्रा:-
हरी सब्जियों में आयरन, विटामिंस आदि की प्रचुर मात्रा होती है। अगर हम प्रारंभ से बच्चों को हरी सब्जी दें तो उनमें खून की कमी नहीं होगी। अगर बच्चा खाने में आना काना करे तो उन्हें विभिन्न तरीकों से हरी सब्जियां खिलाएं जैसे दाल में लौकी, सीताफल कद्दूकस कर डालें, पत्तेदार सब्जियों को ग्राइंड कर आटे में गूंथें, खिचड़ी, दलिया में सब्जियां कद्दूकस कर डालें ताकि पर्याप्त मात्रा में उन्हें हरी सब्जियां मिल सकें और बच्चा खून की कमी का शिकार न होने पाए।

दालें नियमित दें:-
जैसे ही बच्चे के दांत आ जाएं, उन्हें नियमित पतली दाल दें। कभी कभी राजमां, काले चने उबाल कर उन्हें दाने खाने को दें ताकि उन्हें दालों से पर्याप्त प्रोटीन और फाइबर मिल सके। छ: माह की आयु में बच्चों को दाल का पानी नियमित दें ताकि उन्हें प्रारंभ से प्रोटीन मिल सके और उनका विकास ठीक हो सके।

बच्चों को दें रसदार फल:-
संतरा, मौसमी बच्चों के लिए अति लाभदायक होते हैं। छोटे शिशु को संतरे, मौसमी का रस दिन के समय दें। जब बच्चा चबा कर खाने लगे तो उन्हें छोटे छोटे टुकड़ों में बीज निकालकर खाने को दे ताकि उन्हें फाइबर भरपूर मात्रा में मिल सकें। इन फलों में विटामिन सी खूब होता है जो उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। छोटे बच्चों को फल या जूस देते समय ध्यान दें कि फल को सीधा फ्रिज से निकाल कर प्रयोग में न लाएं। जब उसका तापमान सामान्य हो, तभी दें।

स्वस्थ आंखों हेतु:-
रसदार फल सेहत के लिए अच्छे होते हैं जैसे गाजर चुकंदर, टमाटर, पपीता, आम आदि। इन फलों में विटामिन ए होता है जो आंखों की रोशनी हेतु जरूरी है। अगर बच्चा छोटा है तो जूस के रूप में उन्हें दें, थोड़ा बड़ा हो तो कद्दूकस कर, कुछ और बड़ा होने पर छोटे- पतले टुकड़े काटकर खाने को दें।

दही नियमित दें:-
दही में कैल्शियम खूब होता है, कैल्शियम से दांत और हड्डियां मजबूत बनती हैं। छ: माह की आयु के बाद नियमित बच्चे को दही दें। कैल्शियम के अतिरिक्त दही में विटामिन डी भी होता है जो नाखूनों को मजबूत बनाता है और मांसपेशियों को ठीक काम करने में मदद करता है। विशेषज्ञों के अनुसार दही के नियमित सेवन से पेट की बीमारियां कम होती हैं और आंतों के रोग भी नहीं होते। ऐसा भी माना जाता है दही में शहद मिलाकर शिशुओं को चटाने से उनके दांत आसानी से निकलते हैं।

रागी भी है कैल्शियम से भरपूर:-
कैल्शियम का सेवन हड्डियों को मजबूत बनाता है और रागी में भी कैल्शियम भरपूर होता है। रागी का प्रयोग गेहूं के आटे में रागी का आटा मिलाकर किया जा सकता है।

मांसाहार भी शामिल करें खुराक में:-
मांसाहार में कई पोषक तत्व होते हैं जैसे आयरन, प्रोटीन, फास्फोरस आदि। एक साल की आयु के बाद बच्चे को पूरा उबला अंडा या पूरा पका अंडा भी दें सकते हैं और चिकन का सूप भी दे सकते हैं। धीरे धीरेे थोड़ा थोड़ा पूरा पका नानवेज बच्चे को सप्ताह में एक बार दे सकते हैं जिससे बच्चे का विकास सही हो सके।

ऐसे डालें आदत बच्चों को:-
बच्चों को शुरूआत में मैश कर दालें, अनाज व सब्जियां खाने की आदत डालें, फिर सेमी सॉलिड, अंत में सालिड खाने को दें।
प्रारंभ में थोड़ा थोड़ा खाने को दें, धीरे धीरे मात्रा बढ़ाएं।
प्रारंभ से ही बच्चे को बिना मिर्च मसाले, बहुत कम चीनी और बहुत कम नमक की वस्तुएं खाने को दें ताकि बच्चा उसे आसानी से पचा सके।

बच्चों के लिए कुछ भी बनाते समय पानी, अनुपात सब्जी व दाल का डालें ताकि अतिरिक्त पानी फेंकना न पड़ेे।
बच्चे को हमेशा बैठा कर खाने को खिलाएं। लेटे लेटे कुछ भी खाने को न दें।
अगर बच्चा खुद खाने की जिद्द करे तो उसके पास बैठे रहें और पूरी नजर रखें।
– नीतू गुप्ता

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