चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम मेयर चुनाव में हुई कथित धांधली को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे पहले रविवार रात चंडीगढ़ में बड़ा राजनीतिक फेरबदल हुआ। विवादों में घिरे मेयर मनोज सोनकर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया । इस बीच आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया। अब चंडीगढ़ में दोबारा चुनाव होता है तो भाजपा की जीत लगभग तय हो गई है।
मेयर चुनाव के दौरान हुई कथित धांधली के विरोध में आईएनडीआईए गठबंधन के उम्मीदवार कुलदीप सिंह टीटा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। गठबंधन ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में धांधली की। भाजपा ने मनोज सोनकर को धोखे से मेयर बनाया है।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सख्त टिप्पणी की थी। आज चंडीगढ़ प्रशासन मेयर चुनाव को लेकर अदालत में अपना जवाब दाखिल करेगा। अदालत ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह की तरफ से आठ वोटों को अमान्य करार देने पर पर आपत्ति जताते हुए चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने को कहा था।
इस बीच चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद रविवार रात दिल्ली पहुंचे और भाजपा में शामिल हो गए। पार्टी प्रभारी विनोद तावड़े की मौजूदगी में आप पार्षद पूनम देवी, नेहा मुसावत और गुरचरणजीत सिंह काला ने भाजपा की सदस्यता ली।
पार्टी महासचिव विनोद तावड़े ने कहा कि चंडीगढ़ के पार्षद गुरचरण काला ने सालभर पहले ही भाजपा ज्वाइन कर ली थी, लेकिन आम आदमी पार्टी ने पंजाब के सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर उनको रिसॉर्ट में बंद करवा दिया था। पूनम देवी और नेहा मुसावट के साथ अरविंद केजरीवाल ने हर बार की तरह झूठा वादा किया।