Wednesday, April 2, 2025

इलेक्टोरल बांड पर तीसरे दिन दलीलें ख़त्म, सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित, 30 सित तक का आंकड़ा भी माँगा

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक दलों के चंदे से संबंधित चुनावी बांड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने तीन दिनों तक चली सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखने का निर्णय करने से पहले चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह 30 सितंबर 2023 तक राजनीतिक दलों को मिले चंदे का आंकड़ा अदालत के समक्ष उपलब्ध कराये।

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को 30 सितंबर 2023 को समाप्त होने वाली अवधि तक अप्रैल 2019 में शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेश के अनुसार आंकड़ा पेश करना है।

पीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि केंद्र कुछ ऐसी प्रणाली तैयार कर सकता है, जिसमें वर्तमान प्रणाली की खामियां न हों।

शीर्ष अदालत ने कहा कि जनवरी 2018 में शुरू की गई चुनावी बांड योजना ने चुनावी प्रक्रिया में नकदी को कम कर दिया, अधिकृत बैंकिंग माध्यमों के उपयोग को प्रोत्साहित किया, लेकिन पारदर्शिता की आवश्यकता थी।

शीर्ष अदालत ने कहा, “12 अप्रैल 2019 को इस अदालत द्वारा चुनाव आयोग को एक अंतरिम निर्देश जारी किया गया था। ईसीआई ने अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश के अनुसार एक सीलबंद पैकेट में आंकड़ा पेश किया था। इस अदालत का आदेश उस तारीख तक सीमित नहीं था, जिस दिन इसे सुनाया गया था। यदि कोई अस्पष्टता थी तो ईसीआई के लिए इस अदालत से स्पष्टीकरण मांगना आवश्यक था। किसी भी स्थिति में अब हम ईसीआई को 30 सितंबर 2023 तक अद्यतन आंकड़ा तैयार करने का निर्देश देते हैं…यह अभ्यास दो सप्ताह की अवधि के भीतर किया जाना चाहिए।”

पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘सीलबंद पैकेट में आंकड़ा इस अदालत के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को सौंपा जाना चाहिए।’

सुनवाई के दौरान पीठ ने चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील अमित शर्मा से पूछा कि आदेश के बावजूद 2019 के बाद कोई आंकड़ा जमा क्यों नहीं किया गया और आयोग को आंकड़ा एकत्र करना जारी रखना होगा।

पीठ ने कहा, “आपको आंकड़ा एकत्र करना जारी रखना था। आपको हमसे पूछना चाहिए था।”

शर्मा ने पीठ से कहा था कि मार्च 2021 में इस अदालत द्वारा पारित आदेश के कारण आंकड़ा एकत्र करना संभव नहीं था।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

75,563FansLike
5,519FollowersFollow
148,141SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय