मुंबई। आध्यात्मिक गीत ‘हे राम’ को अपनी आवाज देने वाले गायक-संगीतकार कैलाश खेर ने इसे अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए एक सम्मान बताया है।
कैलाश खेर और अमृता फडनवीस की आवाज वाली रचना सोमवार को आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम के आध्यात्मिक उत्साह से गूंज उठी।
प्रिंसी सिद्धांत माधव की रचना भक्ति और संगीत प्रतिभा का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।
कैलाश ने कहा, “अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह को सम्मान देने वाले गीत ‘हे राम’ में योगदान देना एक विशेषाधिकार था। संगीत में आत्माओं को एकजुट करने की शक्ति है। यह आध्यात्मिक भजन भगवान राम की दिव्य विरासत के प्रति हमारी विनम्र पेशकश है।”
समीर अंजान द्वारा लिखे गए गीत माधुर्य में एक काव्यात्मक गहराई जोड़ते हैं, एक ऐसा अनुभव बनाते हैं जो इस ऐतिहासिक क्षण की पवित्रता के साथ प्रतिध्वनित होता है।
यह गीत न केवल भक्ति के सार को दर्शाता है, बल्कि अयोध्या की विरासत के ताने-बाने में अंतर्निहित एकता और सांस्कृतिक समृद्धि का भी प्रतीक है।
गायिका और सामाजिक कार्यकर्ता अमृता ने कहा, “‘हे राम’ में भाग लेना एक हार्दिक अनुभव था। यह गीत संगीत की सीमाओं से परे है, जो अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के महत्व को एक मधुर सम्मान देता है।”
प्रिंसी ने कहा, “‘हे राम’ के लिए रचना तैयार करना एक आध्यात्मिक रूप से समृद्ध यात्रा थी। इसका उद्देश्य राग और भक्ति के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण के माध्यम से प्राण प्रतिष्ठा समारोह की श्रद्धा को समाहित करना था।”
गीतकार समीर अंजान ने कहा, “‘हे राम’ के लिए गीत लिखना एक काव्यात्मक खोज थी, जिसका लक्ष्य इस पवित्र क्षण के सार को पकड़ना था। यह भगवान राम की दिव्य विरासत और अयोध्या की सांस्कृतिक टेपेस्ट्री के लिए सम्मान है।”