नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स को निर्देश दिया है कि वो राऊज एवेन्यू कोर्ट के एक जज का अपनी महिला स्टाफ के साथ आपत्तिजनक स्थिति वाली वीडियो अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटाएं। जस्टिस यशवंत वर्मा की बेंच ने इस आदेश के साथ याचिका का निपटारा कर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो होने की शिकायत मिलने पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हटाना होगा। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया से हटा दिए गए हैं। उसके बाद कोर्ट ने मामले का निस्तारण कर दिया। याचिका संबंधित महिला स्टाफ ने दायर किया था। 9 दिसंबर, 2022 को कोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया था कि उन फोन नंबरों की सूची उपलब्ध कराएं जहां से ये वीडियो हटाने हैं।
हाईकोर्ट ने 30 नवंबर 2022 को अंतरिम आदेश देते हुए आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफार्म से हटाने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वो सभी सर्विस प्रदाता कंपनियों को इस वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने कहा था कि वीडियो आपत्तिजनक है इसलिए उसके सर्कुलेशन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा था कि इस वीडियो को फारवर्ड करने या सर्कुलेट करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354सी और आईटी एक्ट की धारा 67ए लगाया जा सकता है।
दरअसल, 29 नवंबर, 2022 से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें राऊज एवेन्यू कोर्ट स्थित लेबर कोर्ट के एक जज अपने चैंबर में अपने महिला स्टाफ के साथ आपत्तिजनक स्थिति में पाए गए थे ।
यह मार्च 2022 में रिकॉर्ड किया गया था। यह वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक समिति भी गठित कर दी है। कोर्ट ने जल्द से जल्द इस मामले की रिपोर्ट मांगी है। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने वीडियो में दिख रहे राउज एवेन्यू कोर्ट के न्यायिक अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था । इसके साथ ही जिला एवं सत्र न्यायाधीश को संबंधित महिला अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे ।