मुंबई। मुंबई-नागपुर के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा शुरू किए गए हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। फरवरी में एक्सप्रेसवे के उद्घाटन की संभावना जताई जा रही है। जिससे मुंबई और नागपुर के बीच यात्रा का समय 14 घंटे से घटकर महज 7 घंटे रह जाएगा। यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट भी है। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम के प्रबंध निदेशक अनिल गायकवाड ने इस प्रोजेक्ट में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि यह परियोजना हिंदू हृदय सम्राट बाल ठाकरे के भारत समृद्धि महाक्रांति के तहत महाराष्ट्र सरकार का एक विशेष प्रोजेक्ट है। प्रदेश के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे लागू करने का काम उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया है। 2019 में इस परियोजना की शुरुआत हुई और कई पैकेज की नियुक्ति तिथि तय की गई थी। 2019 के मानसून के बाद इस परियोजना की असल शुरुआत हुई और इसे 16 पैकेज में बांटा गया। नागपुर से लेकर ठाणे तक एक्सप्रेस-वे बनाने का कार्य इन पैकेजों के तहत विभिन्न एजेंसियों को सौंपा गया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे की डिजाइन स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई थी, लेकिन इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से चालू किया गया। इस परियोजना के निर्माण में कई चुनौतीपूर्ण स्थितियों का सामना किया गया, जैसे कि पहाड़ी इलाके, भारी वर्षा और हवा की तेज गति।
इन मुश्किलों के बावजूद हमने इसे पूरा करने में सफलता हासिल की है। इस प्रोजेक्ट में 1903 पुलों और 76 किलोमीटर के टनल और पुलों के निर्माण का काम किया गया, जो कि एक जटिल कार्य था। हमने इस प्रोजेक्ट में 40,000 श्रमिकों को काम पर रखा था, लेकिन कोविड महामारी के दौरान श्रमिकों की कमी आई और इसके कारण कुछ समय के लिए काम में देरी हुई। फिर भी, हम अगले चरणों को पूरा करने में सक्षम हुए और इस परियोजना को फरवरी 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि इस एक्सप्रेसवे के खुलने से न केवल यात्रा का समय घटेगा, बल्कि लोगों को सुविधा भी मिलेगी। पहले, मुंबई और नागपुर के बीच 14 घंटे का समय लगता था, लेकिन अब यह यात्रा केवल 7 घंटे में पूरी की जा सकेगी। एक्सप्रेस-वे से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन की बचत भी होगी, जैसा कि दिसंबर 2022 में एक परीक्षण यात्रा के दौरान देखा गया था। इस परीक्षण में यह पाया गया कि नए एक्सप्रेस-वे से यात्रा करने पर पुराने रास्ते की तुलना में ईंधन की खपत कम होती है और यात्रा का समय भी आधा रह जाता है।
इसके अलावा, इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण से क्षेत्रीय विकास में भी तेजी आएगी और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। इसके खुलने से न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यटन और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। बता दें कि इस परियोजना के तहत कुल 701 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है, जिसे हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग नाम दिया गया है। इस एक्सप्रेस-वे का पहला चरण दिसंबर 2022 और मार्च 2023 में आंशिक रूप से खोला जा चुका था और अब आखिरी खंड का निर्माण भी पूरा हो गया है। इस परियोजना को लेकर महाराष्ट्र सरकार द्वारा यात्रियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी मानी जा रही है।
अब तक, नागपुर से नासिक के इगतपुरी तक का 625 किलोमीटर हिस्सा पहले से चालू हो चुका है। अब, इस एक्सप्रेसवे का पूरा ट्रैक मुंबई से नागपुर तक यात्रियों के लिए सुगम होगा। इससे दोनों शहरों के बीच यात्रा का समय पहले के 14 घंटे से घटकर मात्र 7 घंटे रह जाएगा। यह परियोजना 2019 में शुरू हुई थी और इसका उद्घाटन फरवरी में होने की उम्मीद है। परियोजना को 16 पैकेज में बांटा गया था और विभिन्न एजेंसियों ने इन पैकेजों को पूरा किया। इस एक्सप्रेसवे का डिज़ाइन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित है, और यह महाराष्ट्र के तकनीकी और इंजीनियरिंग क्षेत्र में एक बड़ा उदाहरण बन गया है।