साल भर के काम, थकान तथा परेशानियों के बाद छुट्टियों का समय ऐसा आता है जिसका इंतजार वृद्ध, युवा तथा बच्चों, सभी को होता है। कहीं घूमने की ख्वाहिश, किसी से मिलने की चाहत अथवा कुछ कर गुजरने की इच्छा मन में अनेक उमंगें जगा जाती है।
कहीं भी आना-जाना प्रसन्नता की बात है परंतु किसी भी स्थान पर जाने से पूर्व कुछ सावधानियां बरतना आवश्यक है।
कहीं जाने से पहले उस स्थान पर किस वाहन से पहुंचना ठीक रहेगा, इसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर लें तथा अपनी टिकट पहले ही बुक करवा लें अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि टिकट की लम्बी कतार में लगे रह जायें और गाड़ी आपके सामने से निकल जाये।
जिस स्थान पर आप जा रहे हैं, उस स्थान के मौसम तथा खान-पान का पता आपको होना चाहिये ताकि उसी तरह की मन: स्थिति बना सकें और लौटते वक्त बीमार तथा कमजोर दिखाई न दें।
जाने से एक दिन पूर्व अपनी पूरी तैयारी तथा पैकिंग करके रख लें वरना जाते-जाते जल्दबाजी में आप अपनी कोई जरूरी चीज भूल सकते हैं।
ट्रेन या बस के लिये सभी आवश्यक चीजों का इंतजाम आपके पास होना चाहिये नहीं तो छोटी-छोटी चीजें खरीदने पर आपका पैसा भी व्यर्थ खर्च होगा और सही समय पर वस्तु भी नहीं मिल पायेगी।
ट्रेन/ बस में अपनी चीजें संभालकर रखें। समय-समय पर सामान पर नजर डालते रहें क्योंकि ऐसी जगहों पर चोर उच्चक्कों का खतरा रहता है।
रास्ते के लिये कुछ आवश्यक दवाइयां अवश्य रख लीजिए मसलन सिर-दर्द, जुकाम, बदन दर्द, पेट दर्द उल्टी, दस्त व बुखार होना आम बात है। हर वक्त आपको डाक्टर उपस्थित नहीं मिलेगा अत: स्वयं के कष्टों का निवारण खुद करने की कोशिश कीजिए।
सफर में आप हल्के-फुल्के कपड़े व गहने पहनकर जायें। इससे आप खुद को फ्री तो महसूस करेंगे ही, साथ ही देखने वालों को भी हास्यास्पद नहीं लगेंगे।
जहां आप जा रहे हैं, यदि होटल में रूकते हैं तो होटलों के नियमों का पालन कीजिए। यदि किसी रिश्तेदार अथवा परिचित के यहां जा रहे हैं तो वहां आपका व्यवहार एक मेहमान की तरह नहीं वरन् मदद व अपनत्व से परिपूर्ण होना चाहिये ताकि आपका आगमन उनकी प्रसन्नता में वृद्धि करे। मेजबान के साथ कामकाज में हाथ बंटाइये तथा घूमते जाते वक्त
उनसे भी साथ चलने का आग्रह कीजिये।
इन सब बातों को ध्यान में रखने के उपरांत आप देखिये कि आपकी यात्रा आपके आनंद को किस प्रकार द्विगुणित कर देती है। फिर आप हंसते-हंसाते, खुशियां मनाते, हृदय में मधुर स्मृतियां संजोकर आइये और सबको अपनी यात्रा का लुत्फ सुनाइये।
– अंजलि गंगल