चंपावत। लोहाघाट के मरोड़ाखान के पास देहरादून से पिथौरागढ़ जा रही बस गुरुवार को भीषण हादसे का शिकार हो गई। पिथौरागढ़ डिपो की बस (यूके 07 पीए 2906) का तीव्र ढलान पर अचानक ब्रेक फेल हो गया। जिससे बस में बैठे यात्रियों में चीख-पुकार मच गई।
चालक पंकज पांडे ने हिम्मत से काम लेते हुए बस को नियंत्रित करते हुए पहाड़ी से टकरा दिया और 26 यात्रियों की जान बचा ली। पहाड़ी से बस टकराने से चालक, परिचालक सहित छह यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। वहां से गुजर रहे स्वास्थ्य कर्मी हरिमोहन बोरा ने पुलिस और 108 को हादसे की सूचना दी। हरिमोहन बोहरा, पंकज भट्ट, पंकज जोशी व पंकज खर्कवाल आदि युवाओं ने घायलों को बस से निकाला। गनीमत रही कि बस पहाड़ी से नीचे नहीं गई, अन्यथा एक भीषण हादसा हो सकता था।
सूचना मिलने पर 112 व पुलिस मौके पर पहुंची तथा सभी घायलों को 108 के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया। मामूली रूप से घायलों को अन्य बस से उनके गंतव्य को भेज दिया गया। घायलों का इलाज कर रहे डॉ. करन ने बताया कि सभी खतरे से बाहर हैं। लेकिन, उन्हें काफी चोट लगी है।
चालक पंकज पांडे ने बताया कि तीव्र ढलान पर अचानक बस का ब्रेक फेल हो गया। उन्होंने यात्रियों की जान बचाने के लिए बस को पहाड़ी से टकरा दिया। बस रोकने के लिए तीन बार पहाड़ी से टकराना पड़ा। उन्होंने कहा कि बस काफी पुरानी हो चुकी है। वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स न मिलने के कारण जुगाड़कर बसों को चलाना पड़ता है।
लोहाघाट डिपो के एजीएम केएस राणा ने अस्पताल आकर घायलों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत घायलों को मुआवजा दिया जाएगा।
कुल मिलाकर उत्तराखंड परिवहन निगम के द्वारा 8 से 9 लाख किलोमीटर चल चुकी खटारा बसों को पहाड़ी सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल पा रहे हैं। निगम इन खटारा बसों को पहाड़ी सड़कों पर चलाकर यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहा है।