देहरादून। चारधाम मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी व रील बनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद पुलिस विभाग ने मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। जिसमें साफ किया गया है कि कोई व्यक्ति मंदिर परिसर में रील बनाता यदि देखा गया तो उसके विरुद्ध उपद्रव की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। साथ ही स्थानीय अभिसूचना इकाई को सोशल मीडिया की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
एसओपी के तहत मंदिर परिसरों में भीड़ हो जाने से श्रद्धालुओं को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में पुलिस प्रशासन को व्यवस्था बनाने में दिक्कत आ रही है। इसके दृष्टिगत शासन ने मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी एवं रील बनाने पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अभिनव कुमार ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाता है तो उपद्रव करने वाला माना जाएगा। इसके अलावा कोई व्यक्ति जान-बूझकर व दुर्भावना के चलते एक वर्ग की धार्मिक मान्यताओं या धर्म का अपमान करने के लिए निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके विरुद्ध धार्मिक विश्वासों का अपमान करने का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वीडियोग्राफी या रील की सामग्री ऐसी प्रकृति की पाई जाती है कि जिससे धर्म, जाति, भाषा, समुदाय या अन्य आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा मिलता है, तो गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
डीजीपी ने सभी जिला प्रभारियों को निर्देशित किया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से किसी भी व्यक्ति को चारधाम यात्रा से जुड़े पवित्र तीर्थ स्थलों के बारे में भ्रामक व आहत करने वाली सूचना फैलाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।