ऋषिकेश। उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने गढ़वाल के विभिन्न पर्वतीय क्षेत्र के मार्ग पर बिना परमिट के बसोंं का संचालन किए जाने के विरोध में उत्तराखंड परिवहन सें जुड़ी सभी संस्थाओं ने उक्त व्यवस्था का शनिवार को नटराज चौक पर जमकर प्रदर्शन करते हुए अपना विरोध प्रकट किया।
इस दौरान उप जिलाधिकारी को अपना चार सूत्री मांग पत्र भी दिया, जिसमें कहा गया कि वह लगभग 5 दशक से अपनी बसों का संचालन उक्त मार्गों पर कर रहे थे, लेकिन उत्तराखंड परिवार निगम ने भी मार्गों पर अपना संचालन प्रारंभ कर दिया है। इससे निजी बस संचालकों का व्यवसाय चौपट हो रहा है। जिसे जिसे तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना आवश्यक है।
इस अवसर पर उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष मनोज ध्यानी और सचिव जितेंद्र नेगी ने कहा कि उत्तराखंड परिवहन निगम ने गढ़वाल मंडल के पर्वतीय मार्ग पर बिना रोड परमिट के पर्वतीय क्षेत्र से बसों का संचालन किया जा रहा है। इसमें देहरादून से घनसाली देहरादून से ही सेममुखेम और देहरादून से जोशीमठ ,पांडुकेश्वर के लिए बसें राजधानी से दून संभाग की मिली भगत से चलाई जा रही हैं। इसकी सूचना संबंधित विभाग को दी गई है, लेकिन अभी तक उसे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
उन्होंने कहा कि संभाग के परिवहन प्राधिकरण देहरादून के जारी किए गए परमिट से कोई भी वाहन संचालित नहीं किया जा सकता है। इसके बावजूद भी यह वाहन कांटेक्ट कैरिज के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, जिससे संगठन और प्राइवेट संचालन समिति के वाहनों पर इसका प्रभाव पड़ रहा है। इससे स्थानीय चालकों की रोजी-रोटी प्रभावित हो रही है। इस संकट से बचाने के लिए तत्काल प्रभाव से इस प्रकार के अवैध संचालन को बंद किया जाना आवश्यक है।
नेगी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह उनका सांकेतिक प्रदर्शन और धरना था यदि इसको नहीं रोका गया तो संपूर्ण उत्तराखंड में चक्का जाम कर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।