लखनऊ । कानपुर झकरकटी बस अड्डे से गिरफ्तार किए गए सात रोंहिग्या नागरिक समेत आठ अभियुक्तों से एटीएस मुख्यालय लाकर पूछताछ की गई। इस दौरान पता चला है कि इनके मददगारों में त्रिपुरा निवासी दलाल अनवर, विमल मियां जम्मू कश्मीर से यासमीन तय्यबू, बांग्लादेश के रहने वाले जाहिद आलम जुबैर शामिल हैं।
एटीएस के एडीजी नवीन अरोड़ा ने सोमवार को बताया कि एटीएस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनमें त्रिपुरा निवासी सुबीर शब्दाकर, जम्मू कश्मीर से मो0 जकारियां, बांग्लादेश निवासी नूर मुस्तफा, शोएब,नूर मोहम्मद की पत्नी नूर हबीबा, फारसा, सबकुर नाहर और राजिया है।
पूछताछ में पता चला है कि गिरोह के सदस्य रोंहिग्या नागरिकों को म्यांमार से बांग्लादेश लाकर रोहिंग्या कैंपों में रुकवाते हैं। इसके बाद इन्हें पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपूरा की अन्तरराष्ट्रीय सीमा से चोरी-छिपे भारत में प्रवेश कराया जाता है। रोंहिग्याओं को रेलमार्ग से गुवाहटी के रेलवे स्टेशन कुमारघाट धर्मानगर लाया जाता है।
यहां से इन्हें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, कर्नाटक, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों में भेजा जाता है। इन राज्यों में भेजने के लिए फर्जी तरीके से भारतीय नागरिक दस्तावेज भी इनके तैयार किए जाते हैं। इस दौरान पूर्व से भारत में रह रहे इनके रिश्तेदारों से भी सहयोग लिया जाता है।
एटीएस के एडीजी ने बताया कि पकड़े गए लोगों से जो अहम जानकारी एटीएस को हाथ लगी है। उसके आधार पर कार्रवाई की जा रही है। इनके मददगारों की तलाश में टीमें लगाई गई है।