देहरादून। सरकारी कार्यों में बांधा डालना और न्यायालय में सुनवाई पर उपस्थित न होना एक अधेड़ को भारी पड़ गया। न्यायालय से भगोड़ा घोषित आरोपित आखिरकार पुलिस के हाथ लग ही गया। वांछित आरोपित पर 25 हजार रुपये इनाम भी घोषित था। मामला सन् 1995 का है, तब उत्तराखंड प्रदेश का गठन नहीं हुआ था। उस समय उत्तराखंड उत्तर प्रदेश का हिस्सा था और उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था।
यह था मामला-
दरअसल, सन् 1995 में उत्तरांचल वन विकास निगम ने लगभग 40 अस्थाई चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को कार्य से हटा दिया था। इस पर कर्मचारी कर्जन रोड स्थित वन निगम कार्यालय में लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। 24 जुलाई 1995 को उत्तरांचल वन निगम के तत्कालीन महाप्रबंधक केएन सिंह ने लगभग 30 अस्थाई कर्मचारियों के विरुद्ध डालनवाला थाने पर मुदकमा दर्ज कराया था।
विवेचना के दौरान 22 सितंबर 1995 आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय में सुनवाई के दौरान आरोपित गोपाल लाल शाह (26) पुत्र रामलाल शाह निवासी ग्राम सुरकाली थाना कपकोट जनपद बागेश्वर उपस्थित नहीं हो रहा था। इस पर न्यायालय ने आठ अगस्त 2011 को उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। वहीं लगातार फरार चल रहे आरोपित पर एसएसपी देहरादून ने 25 हजार रुपये इनाम घोषित कर दिया था।
न्यायालय में पेश किया जाएगा आरोपित-
वर्तमान में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून के निर्देश पर फरार व इनामी आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे अभियान के दौरान डालनवाला पुलिस ने आरोपित को जनपद बागेश्वर स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया। नियत समय पर आरोपित को न्यायालय में पेश किया जाएगा।