गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम बोर्ड बैठक इस बार सुबह 11 बजे से शुरू हुई और रात दस बजे तक चली। बोर्ड बैठक में 55 प्रस्ताव पास किए गए। वहीं तुराबनगर बाजार का नाम सीताराम बाजार करने का प्रस्ताव भी पास हो गया। इसकी मांग लंबे समय से चली आ रही है। बाजार के व्यापारी इसके लिए अभियान भी चला चुके हैं। वार्ड 88 के पार्षद नीरज गोयल ने इसका प्रस्ताव दिया।
उन्होंने कहा कि तुराब अरबी भाषा का शब्द है, जिसका हिंदी में अर्थ होता है मिट्टी या खाक लेकिन बाजार के साथ इस शब्द से कोई रिश्ता नजर नहीं आता है। यह बाजार मुख्य रूप से महिलाओं के कपड़े और सजने-संवरने की चीजों का है। ऐसे में इस बाजार का नाम बदलकर सीताराम बाजार कर देना उचित होगा। बाजार का नाम बदले जाने से इसकी प्रसिद्धि और शुद्धता को लाभ मिलेगा।
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इसके अलावा इसी बाजार के बीच में एक चौक पड़ता है जिसको लोग पकौड़ा चौक के नाम से जानते हैं। इसे अयोध्या चौक कर दिया जाना चाहिए। सदन ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। हालांकि, बाजार के व्यापारियों ने जो अभियान चलाया था, उसमें बाजार की गलियों का नाम भी भरत, लक्ष्मण, कौशल्या, सुमित्रा, हनुमान, अर्जुन, द्रोपदी के नाम पर करने की मांग की गई थी। राजस्व दस्तावेज में बाजार का नाम तुराब नगर नहीं, पूर्वा इस्माइल खां है। लोग बताते हैं कि बहुत समय पहले इस्माइल खां इस इलाके के जमींदार थे। इलाका शहर में पूर्व दिशा की ओर था। इसलिए, नाम पूर्वा इस्माइल खां पड़ गया।
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गाजियाबाद का नहीं बदल सका नाम
नगर निगम की बोर्ड बैठक में गाजियाबाद का नाम बदले जाने का प्रस्ताव भी पास हुआ था। इसे सवाल साल से ज्यादा हो गया लेकिन इस प्रस्ताव पर अमल नहीं हो सका। लोगों ने गाजियाबाद के कई नाम सुझाए थे। इनमें गजप्रस्थ, दूधेश्वरनाथ नगर और हरनंदीपुरम शामिल हैं। गाजियाबाद के बारे में कहा जाता है कि यह नाम मुगल बादशाह मोहम्मद शाह के दौर में वजीर ए लश्कर रहे गाजीउद्दीन के नाम पर पड़ा। गाजियाबाद ने शहर में कई इमारतें बनवाई थीं। पहले शहर को लोग गाजीउद्दीन नगर के नाम से जानते थे। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान नाम गाजियाबाद हो गया।