Tuesday, November 5, 2024

मुजफ्फरनगर में पत्नी को प्रेमी के साथ हमबिस्तर देख फौजी ने थपकी से कर दिया कत्ल, तीन गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर। पुलिस लाइन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण आदित्य बंसल ने बताया कि क्षेत्राधिकारी जानसठ के नेतृत्व में थाना मीरापुर पुलिस द्वारा हत्या कर आपराधिक षडयंत्र से दुर्घटना का रुप देने वाले अभियोग का सफल अनावरण करते हुए 3 अभियुक्तों को कासमपुर खोला ककरौली रोड से गिरफ्तार किया गया । अभियुक्त की निशानदेही से आलाकत्ल कपडे धोने वाली थपकी, खून से लगे गद्दे व बैडशीट व दुप्पटे की जली हुई राख आदि बरामद की गयी । अभियुक्त की गिरफ्तारी एवं बरामदगी के सम्बन्ध में थाना मीरापुर पुलिस द्वारा अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है ।

उन्होंने बताया कि विगत 3 अप्रैल को वादी ने थाना मीरापुर पुलिस को तहरीर देकर अवगत कराया कि मनोज उर्फ मोनू फौजी निवासी कासमपुर खोला थाना मीरापुर अपने पत्नि को दवाई दिलाने जा रहा था, तभी वीआईटी रोड पर अज्ञात वाहन द्वारा मोटर साईकिल को टक्कर मार दी गई, जिसमें मनोज की पत्नि की मृत्यु हो गई एवं मनोज आर्मी हास्पीटल में उपचाराधीन हैं।

उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में थाना मीरापुर पर दुर्घटना का अभियोग पंजीकृत किया गया तथा गहनता से जॉच की गई। सीसीटीवी कैमरों को चैक किया गया, विभिन्न लोगो के बयान दर्ज किये गये एवं पोस्टमार्टम रिपोर्ट की गहनता से जॉच की गई तो ज्ञात हुआ कि यह सुनियोजित तरीके से हत्या की गई है, जिसके सम्बन्ध में थाना मीरापुर पुलिस द्वारा मु0अ0सं0- 61/2024 धारा 302, 201, 120 बी आईपीसी में पंजीकृत किया गया तथा उच्चाधिकारीगण द्वारा घटना को गम्भीरता से लेते हुए अभियुक्तगण की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु टीमों का गठन किया गया था। गठित टीन द्वारा आज 3 अभियुक्तों को आलाकत्ल सहित गिरफ्तार किया गया। मनोज उर्फ मोनू फौजी पुत्र अजब सिंह निवासी कासमपुरखोला थाना मीरापुर, अजब सिंह पुत्र मंगलू निवासी कासमपुर खोला थाना मीरापुर, बाबूराम पुत्र मंगलू निवासी कासमपुर खोला थाना मीरापुर को गिरफ्तार किया है।

प्रारम्भिक पूछताछ में गिरफ्तार मनोज उर्फ मोनू फौजी द्वारा बताया गया कि वह वर्ष 2014 में सेना में कान्स्टेबल के पद पर भर्ती हुआ था, वर्तमान में टेंगा बीरपुर अरुणाचल प्रदेश में तैनात है। मेरी शादी वर्ष 2017 में आकांक्षा उर्फ पूजा पुत्री सुभाष निवासी मीवा थाना मवाना जिला मेरठ से हुई थी जिससे 2 बच्चे है। शादी होने के कुछ समय पश्चात मेरी पत्नि मेरे परिवारवालों के साथ रूखा व्यवहार करने लगी तथा अपना ज्यादातर समय एकांत में रहकर फोन पर बात करने में व्यतीत करती थी। यह पूछने पर कि वह किससे बात करती है, मेरी पत्नि मेरे घरवालों से विवाद करती थी। मैं 34 दिवस की छुट्टी आया था। विगत 2 अप्रैल को मेरी छुट्टी खत्म हो रही थी, परन्तु मेरे द्वारा योजना के मुताबिक अपनी रेजीमेन्ट में फोन करके झूठ बोला कि मेरी पत्नि को हार्ट अटैक हुआ है, जो सीरियस है, जिस कारण मेरी छुट्टी बढ गई।

विगत 2 अप्रैल को मैं अपनी पत्नी पूजा को लेकर उसके घर गया था, जिससे सबको ऐसा लगे कि दोनो पति पत्नी के सम्बन्ध अच्छे हैं। वहीं पर मैंने देखा कि मेरी पत्नि 1 कमरे में एक व्यक्ति के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थी। शाम के समय हम लोग अपने घर आ गये, घर आकर मैने अपनी पत्नि से इस सम्बन्ध में पूछा तो उसने बताया कि वह उस लडके से बचपन से प्यार करती है तथा उसी से शादी करना चाहती थी, परन्तु घर वालों ने तुम्हारे साथ शादी कर दी। सम्पूर्ण प्रकरण मैंने अपने माता-पिता व चाचा बाबूराम को बताया तथा अपनी पत्नि की हत्या की योजना बनाई। रात्रि के समय जब मेरी पत्नि उठी, तो मैंने उसके सर पर कपडे धोने वाली थपकी से वार किये, जिससे वह लहुलुहान होकर गिर गई। मेरे घर वालो द्वारा मेरी पत्नि के सर पर चुन्नी व कपडे लपेट दिये, जिससे खून फर्श पर ना बहे। मैंने अपनी मोटरसाईकिल के बीच में अपनी पत्नि का शव रखा तथा चाचा बाबूराम शव को पकडकर पीछे बैठ गये और हम लोग मोटर साईकिल से बीआईटी वाली रोड पर आये तथा शव को झाड़ियों के किनारे डाल दिया।

 

 

योजना के तहत मैंने अपने बहनोई लवकुश को फोन करके बताया कि मैं पूजा को दवाई दिलवाने मोटर साईकिल से जा रहा था, हमारा एक्सीडेन्ट हो गया जल्दी अपनी गाडी लेकर आ जाओ। फिर मैं और चाचा शव को वहीं छोडकर वापस गांव आये तथा घर पर खडे ट्रैक्टर को लेकर वापस बीआईटी रोड पर पहुंचें, सडक दुर्घटना बनाने के लिए पहले हमने पूजा के सर पर ट्रैक्ट्रर का पहिया चढाया औऱ ट्रैक्टर से ही मोटरसाईकिल को क्षतिग्रस्त किया, जिससे ऐसा प्रतीत हो कि किसी वाहन ने मोटर साईकिल को पीछे से टक्कर मारी है एवं टक्कर वाली जगह पर पूजा की चूडियों के टुकडे डाल दिये। उसके पश्चात हम लोग ट्रैक्टर को वापस घर छोडकर आ गये। इतनी देर में मेरे बहनोई लवकुश गाडी लेकर आ गये तथा पूजा के शव को पीछे की सीट पर रखकर चल दिये।

 

 

योजना के अनुसार मेरे घर वाले एम्बुलेंस लेकर आ गये तथा हमारे द्वारा शव को एंम्बुलेस में रखकर कस्बा मीरापुर में स्थित क्लीनिक पर पहुंचे तो डाक्टर द्वारा बताया कि मेरी पत्नि की मृत्यु हो चुकी है। मेरे द्वारा बहाना बनाते हुए सांस लेने में दिक्कत की बात कही गई तथा खुद को अथर हास्पीटल में भर्ती करवा लिया गया, जहां मेरा एक्सरे व अन्य रूटीन चेकअप हुए, जिसमें कोई चोट नहीं आई। एक अन्य हास्पीटल में जाने के उपरान्त में वहां से रेफर होकर आर्मी हास्पीटल चला गया। वहां से भी बिना डिस्चार्ज हुए वापस घर आ गया तथा पुलिस से बचने के लिए अपने चाचा व पिता को लेकर मुजफ्फरनगर जा रहा था, तभी मुझे पुलिस ने पकड लिया।

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