मोरना। देर से आए दुरूस्त आए के तहत गंगा में दूषित काला पानी छोडकर गंगा को मैली कर आस्था पर प्रहार करने सहित जलीय जन्तुओं को मारने व पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने वाली डिस्टलरी संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया, किन्तु ठोस कार्रवाई न होने के कारण दूषित जल छोडा जाना लगातार जारी है।
आज जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी ने पूरी टीम के साथ गंगाजी का दौरा किया और खुद परीक्षण किया जिसके बाद मुकदमा दर्ज कराया गया है।
भोपा थाना पर प्रदूषण विभाग के अधिकारी अंकित सिंह द्वारा मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया गया कि बीते 9 मार्च को गंगा में भूरे रंग का जल प्रवाहित होता हुआ पाया गया, जिसके सम्बंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुजफ्फरनगर में सूचना दी गयी। टीम द्वारा पानी के सैम्पल लिये गये।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार का पानी छोडा जाना कई बार होता रहा है। दूषित पानी के कारण गंगा में ऑक्सीजन की मात्रा बेहद कम पाई गयी, जिससे जलीय जन्तुओं को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ धार्मिक आस्था को चोट पहुंचाई गयी।
उन्होंने बताया कि दोषी पाई गयी आर.बी.एन.एस. डिस्टलरी लक्सर हरिद्वार उत्तराखण्ड के संचालक के खिलाफ धारा 277 व वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 51 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है। अक्तूबर 2018 में भी इस डिस्टलरी के
खिलाफ इसी प्रकार के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था, किन्तु ठोस कार्रवाई न होने के कारण बार-बार गंगा में दूषित जल छोडे जाने का दुस्साहस किया जाता रहा है।
ज्ञात रहे है कि शुकतीर्थ गंगा में काला पानी आ जाने से जलीय जन्तुओं की मौत हो गयी थी तथा साधु संतों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। श्रद्धालुओं ने भी गंगा में स्नान करना बंद कर दिया था।
इसी बीच जिलाधिकारी ने अन्य प्रशासनिक अधिकारियों संग शुकतीर्थ पहुंचकर गंगा व सोलानी नदी का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने गंगा में आ रहे काले पानी के बारे में भी जानकारी ली, जिसके उपरान्त जिलाधिकारी ने जनपद व शुकतीर्थ के विकास कार्यों की विस्तार से समीक्षा की तथा शुकतीर्थ में आवारा पशु पकडने वाले वाहन कैटल कैचर का हरी झंडी दिखाकर शुभारम्भ किया।
शुकतीर्थ पहुंचे जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने मोटरबोट में बैठकर गंगा व सोलानी नदी का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने गंगा में आ रहे काले पानी के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली व सोलानी नदी व गंगा के संगम पर जैव विविधता के बारे में भी जानकारी की।
साथ ही गंगा में रेत खनन कर रहे ग्रामीणों पर कार्रवाई करने के आदेश वन विभाग के अधिकारियों को दिए। वन विभाग द्वारा खनन कर रहे भैंसा बोगी चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। रेत खनन के दौरान गोविंद नामक व्यक्ति का भैंसा भी मर गया, जिसके उपरान्त जिलाधिकारी ने जिला पंचायत गेस्ट हाऊस पर अधिकारियों संग जनपद व शुकतीर्थ में हो रहे विकास कार्यों के बारे में विस्तार से सम्बंधित अधिकारियों से जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने सम्बंधित अधिकारियों से चल रहे विकास कार्यों तथा उसके सापेक्ष भुगतान की रिपोर्ट व विकास कार्यों की पूर्ण आख्या प्रस्तुत करने के आदेश दिये। अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के आदेश दिये गये।
इस दौरान मुख्य रूप से सीडीओ संदीप कुमार भागिया, एडीएम ई नरेन्द्र बहादुर सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी महावीर सिंह फौजदार, डीएफओ कन्हैया पटेल, रेंजर सिंहराज सिंह पुण्डीर, ब्लॉक प्रमुख अनिल राठी, गंगा समिति के सचिव डॉ. महकार सिंह, सतीश चंद गोयल, अरूण गर्ग, प्रदीप निर्वाल, देवेन्द्र आर्य, प्रधान राजपाल सैनी, डॉ. अर्जुन सिंह, प्रधान राजकुमार, प्रधान संजय चौहान, मेनपाल सहित तहसील व ब्लॉक स्तर के अधिकारी मौजूद रहे।