लखनऊ-उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के पिछले कार्यकाल में आयुष मंत्री रहे और सहारनपुर के वरिष्ठ नेता धर्म सिंह सैनी ने कॉलेजों की मान्यता की मंजूरी के लिए घूस ली थी। यूजी और पीजी की मान्यता के लिए एक करोड़ 60 लाख रुपये की घूस आई थी। जिसका एक बड़ा हिस्सा पूर्व मंत्री को दिया गया था।
यह खुलासा एसटीएफ द्वारा आयुष कॉलेजों में बिना नीट परीक्षा के हुए एडमिशन के मामले में दाखिल की गई चार्जशीट में किया है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश एडीजे रमाकांत प्रसाद ने एसटीएफ की ओर से दाखिल की गई चार्जशीट को संज्ञान में ले लिया है।
बता दें कि यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी।असल में इस परीक्षा में कम मेरिट के 891 छात्रों को उत्तर प्रदेश के आयुर्वेदिक होम्योपैथिक और यूनानी कॉलेज में एडमिशन दिया गया था।सर्वाधिक बड़ी बात ये थी कि मेरिट में कम नंबर पाने वाले छात्रों को अच्छे कॉलेजों में एडमिशन दे दिया गया। इनमें से कुछ छात्रों को बिना नीट परीक्षा दिए ही एडमिशन मिल गया था।
इस मामले में पिछले साल नंबर में लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई थी इस मामले में डायरेक्टर आयुर्वेद एसएन ने लखनऊ में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी अपट्रान पर एफआईआर दर्ज करवाई थी और जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी।
आपको बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले धर्म सिंह सैनी भारतीय जनता पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे लेकिन नजदीकी मुकाबले में सहारनपुर की नकुड विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे.
जिसके बाद से वे फिर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे थे ,खतौली में उपचुनाव के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खतौली में जनसभा करने के दिन वह सहारनपुर से बड़े काफिले के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के लिए निकल गए थे लेकिन बीच रास्ते में ही उन्हें रोक दिया गया था।