Wednesday, May 8, 2024

मुज़फ्फरनगर में चेयरमैन ने पालिका के बचाये 56 लाख रुपये, पांच ठेकों में कराई बचत

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मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था के प्रति संकल्पबद्ध पालिका अध्यक्ष श्रीमति मीनाक्षी स्वरूप ने जलकल विभाग में पारदर्शी और नई व्यवस्था को लागू कराकर शेष वित्तीय वर्ष के लिए छोड़े गये पांच ठेकों में पालिका के करीब 56 लाख रुपये की बचत की है।

पालिका इन ठेकों के अन्तर्गत होने वाले कार्यों पर प्रत्येक वर्ष करीब सवा करोड़ रुपये खर्च कर रही थी, लेकिन पालिका अध्यक्ष की प्रतिबद्धता के बाद अब यही कार्य कराने के लिए पालिका इस साल 66.56 लाख रुपये खर्च करेगी। पालिका में एक विभाग में यह प्रयोग सफल होने पर अब सभी विभागों में इसको लागू कराकर जनता का पैसा बचाकर शहर के विकास पर खर्च करने की तैयारी की जा रही है।

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नगरपालिका परिषद् में अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने के पहले दिन से ही श्रीमति मीनाक्षी स्वरूप और उनके पति भाजपा नेता गौरव स्वरूप ने पालिका में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाने के लिए लगातार काम किया है। इसका सबसे पहला असर पालिका के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पंजीकरण विभाग में हुआ और यहां पर भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर सबसे पहले कार्यवाही करते हुए व्यवस्था पटरी पर लाने का काम किया गया। आज जनता को सरल और सुलभ व्यवस्था में 10 रुपये की सरकारी फीस ही जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र समयावधि में प्राप्त हो रहे हैं।

उन्होंने पालिका में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था बनाने के लिए पटल परिवर्तन किया और एक साथ 14 लिपिकों को इधर से उधर कर दिया था। अब उन्होंने विभागीय स्तर पर टैण्डरों में होने वाले खेल को समाप्त करने के लिए काम शुरू किया है। इसमें सबसे पहले उन्होंने पालिका बोर्ड बैठक में टैण्डर समाप्त होने के बाद भी ठेकों के जारी रहने की परम्परा को समाप्त करते हुए ठेका समाप्त होने पर एक माह के भीतर ही दूसरा टैण्डर कराने की व्यवस्था को लागू किया और इसका सकारात्मक प्रभाव भी पालिका में नजर आ रहा है।

इसी व्यवस्था के तहत जलकल विभाग में पांच कार्यों के लिए मौजूदा वित्तीय वर्ष के शेष माह के लिए टैण्डर कराया गया है। इसके लिए पालिकाध्यक्ष ने स्वस्थ और प्रभावी प्रतिस्पर्धा पैदा करने के लिए शर्तों और नियमों को सरल बनाकर जनता को कम से कम खर्च पर बेहतर सुविधा और सेवा देने की नीति के साथ काम किया। जलकल विभाग में जिन कार्यों के लिए पालिका प्रशासन पूर्व के वर्षों में मोटा धन खर्च कर रहा था, वो कार्य सरल व्यवस्था में हुई प्रतिस्पर्धा के कारण कम हुआ है।

पालिका में जलकल विभाग के द्वारा छह जेडपीएस के संचालन, पाइप लाइन लीकेज, क्लोरीन रखरखाव, स्काडा सॉफ्टवेयर संचालन (नलकूपों का ऑनलाइन संचालन) और हैण्डपम्प मरम्मत कार्य के लिए प्रत्येक वर्ष ठेका छोड़ा जाता है। इसके टैण्डर के लिए कुछ ऐसी शर्तों को शामिल किया गया था, जिसके कारण बड़ी प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाती थी और पालिका को बड़े खर्च पर ठेका देना पड़ता था। अब वित्तीय वर्ष के शेष माह के लिए पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने इन नियमों को सरल बनाया, तो नतीजा भी सकारात्मक आया है।

जलकल विभाग में हुए इन कार्यों के टैण्डर में पालिका ने 56 लाख 29 हजार 229 रुपये की बचत की है। इन ठेकों के तहत होने वाले कार्यों पर पालिका को 1 करोड़ 22 लाख 85 हजार रुपये खर्च करने थे, लेकिन हाल ही में हुए टैण्डर में सरल और पारदर्शी व्यवस्था के कारण ज्यादा कंपनियों और ठेकेदारों ने प्रतिस्पर्धा की, तो ये पांच ठेके 66 लाख 56 हजार रुपये में छोड़े गये हैं। कुल मिलाकर करीब 5० प्रतिशत से भी ज्यादा बिलो पर यह टैण्डर आये। इनमें जेडपीएस संचालन में पालिका ने 27 लाख, लीकेज कार्य में 78 हजार, क्लोरीन रखरखाव में 86 हजार, स्काडा तकनीक संचालन में 27 लाख और हैण्डपम्प मरम्मत ठेके में 65 हजार रुपये की बचत की है।

इसको लेकर पालिकाध्यक्ष श्रीमति मीनाक्षी स्वरूप का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति तथा सरकारी कामकाज से भ्रष्टाचार को समाप्त करने और जनकल्याण के लिए पारदर्शी व्यवस्था बनाने को हम ईमानदार सोच के साथ काम कर रहे हैं। पालिका में पूर्व में होने वाले कार्यों पर ज्यादा खर्च को कम कर बचाये गये पैसे से शहर का विकास कराये जाने की रूपरेखा बनायी जायेगी।

उन्होंने भ्रष्टाचार मुक्त मुहिम के प्रति संकल्प दोहराते हुए कहा कि मैं पीएम मोदी और सीएम योगी की नीति को भाजपा की सच्ची सिपाही बनकर लागू कराऊंगी, इसके लिए उन्होंने पालिका के सभी अफसरों और कर्मचारियों के साथ ही सभासदों व आम जनमानस का भी सहयोग मांगा है। उनका कहना है कि जलकल विभाग में हमें नियमों को सरल करने पर बचत हुई है, ऐसा ही प्रयोग दूसरे विभागों में किया जायेगा, ताकि कम से कम खर्च पर हम ज्यादा और बेहतर सेवा देने का काम कर सकें।

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