मुजफ्फरनगर। शासन के निर्देशानुसार निराश्रित गोवंश से मुक्त किया जाना है। जिसके लिए निर्देशित किया गया कि निराश्रित गोवंश को चिन्हित कर गोवंश आश्रय स्थलांे मंे संरक्षित कराते हुए 31-03-2023 को जनपद को निराश्रित गोवंश से मुक्त का प्रमाण पत्र समस्त खण्ड विकास अधिकारी तथा समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत प्रस्तुत करेंगे। समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में खुले में विचरण कर रहे निराश्रित गोवंश को चिन्हित कर खण्ड विकास अधिकारी तथा अधिशासी अधिकारी के माध्यम से गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित कराये। संरक्षित कराये गये गोवंश की सूचना मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के माध्यम से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराये।
निराश्रित गोवंश को पकडने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों के लिये कैटिल कैचर/मल्टी परपज वहीकल मोरना, सदर तथा जानसठ द्वारा क्रय कर लिया गया है तथाजिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर न्यूनतम 01 कैटिल कैचर/मल्टी मरपज वहीकल अवश्य क्रय कराया जाए।जिसके सम्बन्ध में पूर्व बैठक में ंआवश्यक निर्देश जारी किये गये है, उनका अनुपालन करे तथा इसकी समीक्षा नियमित रूप से जिला विकास अधिकारी करेगे।
जनपद में नगर पालिका, सदर एवं खतौली द्वारा कैटिल कैचर क्रय कर लिया गया है, इसके अतिरिक्त समस्त नगर पंचायतों में कैटिल कैचर/मल्टी परपज वहीकल क्रय किये जाने हेतु समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत,मु0नगर को निर्देशित किया गया कि शहरी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम 01-01 कैटिल कैचर/मल्टी मरपज वहीकल बोर्ड की बैठक मंे प्रस्ताव पास कराकर अवश्य कराया जाए। सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा अवगत कराया गया कि धनराशि प्राप्त होने पर क्रय कराया जायेगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के भरण-पोषण हेतु पूलिंग के माध्यम से ग्राम पंचायतों से प्राप्त होने वाली निर्धारित 4 प्रतिशत प्राप्त धनराशि की समीक्षा की गयी, अब तक कुल रू0-3197899.00 धनराशि प्राप्त हो चुकी है, जिस पर जिला पंचायत राज अधिकारी तथा जिला विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक ग्राम सभा को प्राप्त होने वाली राज्य वित्त आयोग की धनराशि का 4 प्रतिशत अवश्य जमा कराया जाये, जिससे कि गोवंश के भरण-पोषण के गैप की प्रतिपूर्ति की जा सके। जिला पंचायत राज अधिकारी एवं जिला विकास अधिकारी प्रत्येक विकास खण्ड की समीक्षा कर धनराशि हस्तान्तरित कराना सुनिश्चित करेगे तथा प्रत्येक ग्राम पंचायत से तत्काल धनराशि हस्तान्तरण कराना सुनिश्चित करे।
जनपद में निर्माणाधीन अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलांे के संचालन हेतु गोवंश संरक्षण हेतु तैयार गोवंश आश्रय स्थलों के प्रस्ताव उपलब्ध कराने एवं इन गोवंश आश्रय स्थलों पर भरण पोषण की धनराशि उपलब्ध कराने हेतु संचालन समिति का खाता 02 दिन के अन्दर खुलवाकर प्रस्तुत करने के निर्देश पारित किये गये, इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाये, शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करते हुए अधिकाधिक अस्थायी गोवंश आश्रय स्थलों का निर्माण एवं उनका क्रियान्वयन करते हुए जनपद को दिनांक 31-03-2023 तक निराश्रित गोवंश से मुक्त कराना सुनिश्चित करे।
समस्त खण्ड विकास अधिकारियोें को निर्देशित किया गया कि वह अपने अधीनस्थ संचालित गोवंश आश्रय स्थल को चारागाहों की भूमि से लिंक्ड करते हुए चारा उत्पादन कराना सुनिश्चित करे, जिससे संरक्षित गोवंश को हरा-चारा उपलब्ध कराकर उनका स्वास्थय वर्धन कराया जा सके, इस संबंध में जिला विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी, खतौली/मुख्य पशु चिकित्साधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी, खतौली के साथ मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित कराये।
समस्त खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि वह 03 दिवस के भीतर प्रत्येक गोवंश आश्रय स्थल पर वर्मी कम्पोस्ट तैयार कराना सुनिश्चित करे। खण्ड विकास अधिकारी, खतौली प्राथमिकता के आधार पर अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल, नावला पर सहायक विकास अधिकारी, कृषि, खतौली/जिला कृषि अधिकारी/उप निदेशक, कृषि के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट स्थापित करे।
समस्त खण्ड विकास अधिकारियों तथा अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका/नगर पंचायत को निर्देशित किया जाता है कि गेहूॅ कटाई के समय भूसा सस्ती दरों पर क्रय कर संग्रहित करने हेतु अपने स्तर पर टेण्डर दिनांक 31-03-2023 तक करे तथा भूसा एकत्र करने हेतु स्थान का चिन्हांकन कर ले, इसके साथ ही जिन कृषकों से भूसा क्रय करना है उनसे वार्ता कर चिन्हांकन करते हुए न्यूनतम दरों का निर्धारण कर 20 अप्रैल 2023 तक गोवंश आश्रय स्थलों पर संरक्षित गोवंश की संख्या के आधार पर मॉग अनुसार क्रय कर ले।
मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना अन्तर्गत जनपद को आवंटित लक्ष्य की पूर्ति हेतु दि0 01-02-2023 की बैठक में प्रति उप मुख्य/पशु चिकित्साधिकारी का न्यूनतम लक्ष्य 20 गोवंश निर्धारित किया गया था, जिस पर अधिकारीवार समीक्षा की गयी तथा न्यूनतम प्रगति पाये जाने वाले अधिकारियों को कठोर चेतावनी देते हुए निर्देश दिये गये तथा निर्देशित किया गया कि वह 01 सप्ताह के अन्दर लक्ष्य पूर्ण करते हुए सुपुर्दगी करवाना सुनिश्चित करे।
100 दिवसीय मिशन 75 ए0आई0 के अन्तर्गत पशु पालन विभाग के अधिकारियों की अधिकारीवार समीक्षा की गयी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, मु0नगर द्वारा अवगत कराया गया कि यह मिशन दिनांक 25 मार्च, 2023 तक के लिये विस्तारित कर दिया गया है। समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि आवंटित लक्ष्य के अनुरूप 01 सप्ताह के भीतर लक्ष्य की शत प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित करे, इस कार्यक्रम में उ0प्र0 की प्रगति के सापेक्ष जनपद की प्रगति नियमित रूप से बनाये रखे, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी नियमित रूप इस कार्यक्रम की समीक्षा करे। समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वह प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक संख्या में सेक्सड सीमन सेकृ0गर्भा0 करना सुनिश्चित करे।
एन0ए0डी0सी0पी0 योजनान्तर्गत पशुओं में टैगिंग की समीक्षा की गयी। जनपद की पशुगणना 750971 है, जिसके सापेक्ष 769530 पशुओं में टैगिंग की गयी है, जिसके सापेक्ष इनॉफ पोर्टल पर 580122 अपलोडिंग की जा चुकी है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया गया कि शत् प्रतिशत पशुओं में टैगिंग कराना सुनिश्चित करे, जिसके लिये समस्त अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यरतपशु मैत्रियों की बैठक लेकर समीक्षा करते हुए शत प्रतिशत पूर्ति करना सुनिश्चित करे।
बैठक के समय जिलाधिकारी महोदय को विनय त्यागी तथा विनीत त्यागी, निवासी-ग्राम नावला द्वारा गौशाला को 25000 रू0 की धनराशि का दान दिया गया।
पशु पालन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि दिनॉंक 01 अगस्त 2022 से प्रदेश के समस्त जनपदों में राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यࡄक्रम (एन0ए0आई0पी0-4) संचालित किया जा रहा है। जिसके अन्तर्गत जनपद के समस्त पशुपालकों के गोवंशीय तथा महिषवंशीय पशुओं में निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान किया जा रहा है। इसका प्रचार-प्रसार सचल वाहनों पर बैनर लगाकर, पम्पलेट वितरित कराकर तथा ब्लॉक स्तरीय गोष्ठियों में कृषको को जागरूक कर किया जाये। जनपद के समस्त पशुपालकों से अनुरोध है कि आप अपने गोवंशीय तथा महिषवंशीय पशुओं में निःशुल्क कृत्रिम गर्भाधान कराकर राजकीय योजना का लाभ प्राप्त करे।
समस्त पशुपालकों से अनुरोध है कि पशुपालन विभाग के राजकीय कर्मचारियों/पैरावैटस/कृ0ग0 कार्यकर्ताओं से उन्नत नस्ल के वीर्य से अपने पशुओं में निःशुल्क कृ0ग0 कराये जिससे आपको उन्नत नस्ल के पशु की उत्पत्ति होकर लाभ प्राप्त हो सके और आपका पशु बॉझपन का शिकार न हो। साथ ही विभाग के पास वर्गीकृत वीर्य गिर, साहीवाल प्रजाति का उपलब्ध है, जिससे गोवंशीय पशुओं मंे कृ0ग0 कराने पर 90 प्रतिशत मादा बछिया की उत्पन्न संतति होती है। जिसकी विभागीय लेवी/शुल्क 300/- प्रति कृ0ग0 विभाग के द्वारा निर्धारित है। इससे अपने पशु में कृ0ग0 कराकर अधिक से अधिक मादा गोवंशीय पशु की उत्पत्ति कराकर लाभ प्राप्त करे।