मुजफ्फरनगर। ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है, तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैं, जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं उस वक्त डॉक्टर जिंदगी बचा लेता है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है जिला अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश कुमार ने।
13 साल की बच्ची डिंपल और उसके परिजन कभी भी डॉक्टर राकेश को नहीं भूल पाएंगे। आर्थिक रुप से कमजोर परिजनों ने तो पूरी तरह से उम्मीद ही छोड़ दी थी, लेकिन डॉ. राकेश कुमार ने बच्ची को नई जिंदगी दी। करीब 20 दिन पहले न जाने कैसे खेलते-खेलते बच्ची के मुंह में एक रुपये का सिक्का चला गया और वह गले में जाकर फंस गया।
खाने-पीने से परेशान बच्ची की हालत को देखते हुए डॉ. राकेश ने परिजनों को समझाकर ऑपरेशन के लिए राजी किया। 17 मई को ऑपरेशन हुआ और 18 मई को बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई, अब वह बच्ची पूरी तरह से ठीक है।
आपरेशन कर निकाला सिक्का-आदेश की बेटी डिंपल करीब 20 दिन से परेशान थी। वह कुछ खा पी भी नहीं पा रही थी। परिजन बच्ची को मुजफ्फरनगर से लेकर मेरठ तक डॉक्टरों को दिखा चुके थे, लेकिन बच्ची को आराम नहीं मिला। हताश परिजन बच्ची को लेकर फिर मुजफ्फरनगर लौट आए।
करीब आठ दिन पहले बच्चे के पिता आदेश को किसी व्यक्ति ने जिला अस्पताल में ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश के बारे में बताया। बच्ची के पिता आदेश एक उम्मीद लेकर जिला अस्पताल स्थित ओपीडी में डॉ. राकेश कुमार के पास लेकर आए, जब डॉक्टर ने बच्ची का चेकअप किया और जांच कराई तो परिजनों को हकीकत से रूबरू कराया और बताया कि बच्ची डिंपल के गले में फंसा यह सिक्का ऑपरेशन से निकाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए परिजनों की सहमति आवश्यक है।
परिजन डॉ. राकेश की बात से सहमत हुए और 17 मई को बच्ची का सफल ऑपरेशन हुआ, जिसके बाद 18 तारीख को बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर उसके घर भेज दिया गया। फिलहाल डिंपल पूरी तरह से ठीक है, जल्द ही वह पूरी तरह ठीक होकर सभी बच्चों के साथ खेलती हुई नजर आएगी।