Monday, December 23, 2024

मुज़फ्फरनगर में पुलिस की मर्जी, सरकारी अफसर की तहरीर भी नहीं ले रही, महिला अफसर हुई परेशान !

मुजफ्फरनगर। योगी राज में थानों में आम आदमी की कोई सुनवाई न होने की शिकायत तो बढ़ती जा ही रही है,अब तो पुलिस की मनमर्जी इतनी बढ़ गयी है कि वह सरकारी अफसर की तहरीर भी नहीं ले रही है जिससे एक महिला अफसर परेशान है।

मामला मुज़फ्फरनगर नगरपालिका से जुड़ा है। एक कम्पनी के ठेकेदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने में  पालिका के पसीने छूट गये। ठेकेदार ने बिना अनुमति के ही केबिल डालने के लिये गहरे गड्ढे खोद दिये। 11 दिन पहले दी गई तहरीर पर कोई कार्यवाही नहीं होने के बाद अब एक बार फिर इस मामले में पालिका प्रशासन की ओर से थाना सिविल लाइन पुलिस को रजिस्टर्ड डाक से तहरीर भेजी गयी है।

एसएचओ का कहना है कि मामले में कंपनी से पालिका का समझौता हो चुका है। जबकि ईओ ने इससे इंकार करते हुए पुलिस के रवैये पर कई सवाल उठाये हैं। उन्होंने एई निर्माण को कंपनी के द्वारा खोदवाये गये गड्ढों को स्थलीय निरीक्षण कर उससे हुई आर्थिक क्षति पर रिपोर्ट मांगी है।

भारती एयरटेल कंपनी की ओर से उनके कर्मचारी संजीव द्वारा नगरपालिका परिषद् के स्वामित्व वाली सड़कों और भूमि पर कंपनी की केबिल लाइन डालने के लिए 14 फरवरी 2024 को आवेदन करते हुए अनुमति मांगी गई थी। इसमें कंपनी की ओर से शहर के साकेत कालोनी से सिसौना रोड, अहिल्याबाई चौक, पाल धर्मशाला, रूडकी रोड और आइस फैक्ट्री सरवट रोड, तिरूपति पैलेस रोड, हीरो मोटर शोरूम रूडकी रोड तक 27 पिट के माध्यम से केबिल डालने की जानकारी पालिका को दी गई थी।

इसके लिए विभागीय आख्या के तहत निर्माण विभाग ने 7 मार्च को कंपनी को लिखे पत्र में बताया था कि कंपनी 27 पिट ०1 वर्गमीटर के ही बनायेगी और इसके लिए रोड कटिंग चार्ज के रूप में 111810  रुपये पालिका में जमा कराये जाने के उपरांत ही अनुमति दी जायेगी। इसके बाद पैसा जमा नहीं कराया गया और पालिका से अनुमति प्राप्त किये बिना ही कंपनी के द्वारा उक्त स्थानों पर 3 वर्ग मीटर व्यास में गहरे पिट खोदवा दिये गये।

इसकी जानकारी मिलने पर पालिका ईओ प्रज्ञा सिंह ने निर्माण विभाग से रिपोर्ट तलब की। इसमें पालिका को क्षति पहुंचाये जाने की पुष्टि होने पर उन्होंने 20  मार्च को पालिका के निर्माण विभाग के एई अखंड प्रताप सिंह को कंपनी और उसके कर्मचारी संजीव के खिलाफ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने के निर्देश दिये थे। एई अखंड प्रताप ने ईओ के निर्देश पर भारती एयरटेल कंपनी और कर्मचारी संजीव के खिलाफ सम्बंधित आरोपों के तहत थाना सिविल लाइन में 23 मार्च को तहरीर दी थी।

आरोप है कि पुलिस ने यह तहरीर रिसीव ही नहीं की और कंपनी के कर्मचारी को बुलाकर उल्टे पालिका पर ही दोषारोपण किया। पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की, जबकि लगातार एई और जेई थाने के चक्कर काटते रहे। ईओ प्रज्ञा सिंह ने पुलिस पर नकारात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि एई की तहरीर ही थाने में रिसीव नहीं की गई। इसके बाद हमने अब रजिस्टर्ड डाक से तहरीर थाने को भिजवाई है। इसमें हम पुलिस से एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की अपेक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा समझौता होने का झूठ फैलाकर अपनी गलती छिपाई जा रही है। कंपनी के व्यक्ति ने अनुमति के लिए रोड कटिंग चार्ज के रूप में डिमांड ड्राफ्ट अभी तीन दिन पहले आया है। जबकि तहरीर 23 मार्च को दी थी। पुलिस का रवैया उनकी समझ से परे है। एई को निर्देश दिये हैं कि वो जहां भी कंपनी की ओर से बिना अनुमति के गडढे खोदे गये हैं, वहां विजिट करते हुए उसका नुकसान का आंकलन बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि सही रूप से सरकारी सम्पत्ति को हुई आर्थिक क्षति का आंकलन किया जा सके। अब कंपनी के द्वारा इन गडढों को भरने के बाद ही अनुमति दी जायेगी।

सिविल लाइन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर ओमप्रकाश ने बताया कि पालिका और कंपनी कर्मचारी के बीच में पैसा जमा कराने को लेकर विवाद था। कंपनी की ओर से कर्मचारी ने पालिका को पैसा जमा करा दिया है। ऐसे में अब पालिका की शिकायत ही समाप्त हो जाती है और मुकदमा लिखने का औचित्य भी नहीं बनता है, क्योंकि समझौता हो गया है।

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