नोएडा। नोएडा के थाना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में स्थित एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले आईटी इंजीनियर ने अपने परिजनों से फिरौती के रूप में मोटी रकम उगाही करने की नीयत से खुद के झूठे अपहरण का स्वांग रचा। इंजीनियर के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने जब जांच की तो इस मामले का खुलासा हुआ, कि यह अपहरण का मामला नहीं है। इस मामले में पुलिस ने इंजीनियर और उसके दो दोस्तों को आज गिरफ्तार कर लिया।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन प्रथम) मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि थाना एक्सप्रेस-वे क्षेत्र में स्थित एक आईटी कंपनी में इंजीनियर के रूप में काम करने वाला युवक शुभम गौड़ के मोबाइल फोन से उसके परिजनों को तीन दिन पूर्व फोन आया कि उसका मेवाती गैंग ने अपहरण कर लिया है। कथित अपहरण कर्ताओं ने 50 लाख रुपए की फिरौती मांगी। परिजनों ने फिरौती देने से इनकार किया तथा पुलिस को सूचना दे दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने जब मामले की जांच की तो शुभम का लोकेशन हरियाणा के रेवाड़ी रेलवे स्टेशन आया। वहां से पुलिस ने उसे बरामद किया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि शुभम ने अपने परिजनों से मोटी रकम फिरौती के रूप में वसूलने की नीयत से संदीप पुत्र अशोक कुमार तथा अंकित कुमार पुत्र सुमेर सिंह नामक अपने दो साथियों संग मिलकर अपने अपहरण की झूठी कहानी बनाई थी। उन्होंने बताया कि शुभम के पिता का केबल नेटवर्क का कारोबार है, जबकि उनके चाचा का रेस्टोरेंट है, और उनके दादा रजिस्ट्रार के पद से रिटायर्ड हुए हैं। वह घर में इकलौता बेटा है।
शुभम को आशा थी कि उसके परिजन उसके अगवा होने की सूचना पर फिरौती के रूप में 50 लाख की रकम दे देंगे। इस रकम से वह मौज-मस्ती करना चाह रहा था। शुभम ने शुरुआती दौर में पुलिस को बताया कि मेवाती गिरोह के लोग ने गांजा चेक करने के बहाने उसे बंधक बनाया और मेवात में ले जाकर उसको बंधक बना कर रखा और उसके परिजनों से फिरौती की रकम मांगी।