लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग ने अपनी रिपोर्ट गुरुवार शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंप दी। अब शुक्रवार को हो रही कैबिनेट की बैठक में इस रिपोर्ट को प्रस्तुत किया जाएगा। माना जा रहा है कि अप्रैल-मई में प्रदेश में नगर निकाय के चुनाव हो जाएंगे।
अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता वाले ओबीसी आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों के दौरे के बाद रिपोर्ट तैयार की है। आयोग ने 350 पन्नों की इस रिपोर्ट को आज मुख्यमंत्री को सौंपी।
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ओबीसी को हिस्सेदारी देने के लिए आयोग का गठन किया था। अवकाश प्राप्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह की अध्यक्षता वाले इस आयोग में चोब सिंह वर्मा, महेंद्र कुमार, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी को सदस्य बनाया गया था। आयोग को 31 मार्च के पहले अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी।
आज रिपोर्ट सौंपने के समय आयोग के सभी सदस्यों के अलावा नगर विकास मंत्री अरविन्द शर्मा, मुख्यसचिव दुर्गा शंकर मिश्र, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव शशि प्रकाश गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात आदि भी उपस्थित थे।
इस आयोग का गठन पिछले साल के आखिर में ऐसे समय में किया गया था, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अधिसूचना के मसौदे को खारिज कर दिया था और ओबीसी को बगैर आरक्षण दिए स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का आदेश आने के बाद कहा था कि ओबीसी को आरक्षण दिए बगैर शहरी स्थानीय निकाय चुनाव नहीं होंगे और राज्य सरकार इसके लिए एक आयोग गठित करेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस रिपोर्ट को रखा जाएगा, कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसकी जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी और फिर निकाय चुनाव कराने की अनुमति मांगी जाएगी।
आपको बता दें कि नगर निकाय का कार्यकाल पूरा होने के बाद कई महीने पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू हो गई थी इसके विरोध में कुछ लोग हाईकोर्ट में चले गए, उनकी आपत्ति ओबीसी आरक्षण को लेकर थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, जहां से यह निर्देश मिला कि पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन कराकर प्रदेश में ओबीसी की गणना की पुष्टि करने के बाद आरक्षण दोबारा किया जाए, जिसके बाद ही चुनाव प्रक्रिया शुरू की जाए।
जिस पर प्रदेश सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया था, आयोग ने समय से पूर्व ही अपना कार्य पूरा कर लिया है, सभी 75 जिलों के दौरे के बाद आयोग ने रिपोर्ट तैयार की है।
आयोग की रिपोर्ट प्रदेश सरकार को मिलने के बाद वह कोर्ट को सौंपी जायेगी जिसके बाद ज़िलों में आरक्षण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिस पर आपत्तियां लेने के बाद इसी महीने निकाय चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। सूत्रों के अनुसार अप्रैल के अंत या मई के प्रथम पक्ष तक निकाय चुनाव करा दिए जाएंगे।