नयी दिल्ली। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास एवं उद्यमिता और जल शक्ति राज्यमंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को कहा कि विगत 10 साल के दौरान भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में शानदार विकास का दौर देखने को मिला।
चंद्रशेखर ने यहां बताया कि एक दशक पहले तक भारत दुनिया की आईटी कंपनियों के लिए सिर्फ ‘बैक-ऑफिस’ था, लेकिन आज यह एक नवाचारी अर्थव्यवस्था बन गया है, जो डिजिटल परिदृश्य में अपना अहम योगदान दे रहा है।
आईटी राज्यमंत्री यहां डिजिटल मीडिया संस्थानों का शीर्ष संगठन डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन की एक संगोष्ठी में आयोजित एक फायरसाइड चैट में पूछे जा रहे सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 10 वर्षों में भारत में प्रौद्योगिकी का विकास शानदार रहा है। हम आईटी क्षेत्र के ‘बैक-ऑफिस’ से चलकर इनोवेशन इकाॅनमी बन गए हैं और देश में डिजिटल इकोसिस्टम का विस्तार हो रहा है। चाहे आप कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और सेमीकंडक्टर की बात करें या वेब3 – यदि आप भविष्य की बात करें तो स्टार्टअप्स और इनोवेशन समेत हर तरफ भारतीय ध्वज देखने को मिलेगा।’’
आईटी राज्यमंत्री ने कहा कि न तो भारत अब दुनिया के लिए आईटी का बैक ऑफिस रहा और न ही भारत का प्रतिभाशाली कार्यबल एक लागत प्रभावी समाधान।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा नीतियों के माध्यम से गुणात्मक व संरचनात्मक बदलाव लाया गया है जिससे प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास को रफ्तार मिली है।
मौजूदा दौर की नई प्रौद्योगिकी के लिए जरूरतों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब केवल एक इंजीनियर होना या मास्टर डिग्री होना या कुछ वर्षों का अनुभव होना ही पर्याप्त नहीं है। असल में आपके पास अनुसंधान और नवाचार करने की क्षमता होनी चाहिये।’’
आईटी राज्यमंत्री ने कहा कि काॅलेजों, विश्वविद्यालयों और कार्यस्थलों में अनुसंधान और नवाचार को समाहित किया जाना चाहिये।