Thursday, September 19, 2024

उइके से मिला ‘इंडिया’ का प्रतिनिधिमंडल, हिंसा प्रभावितों की स्थिति से कराया अवगत

इंफाल। विपक्षी दलों का महा गठबंधन, भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (इंडिया) के 21 सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और हिंसाग्रस्त राज्य की मौजूदा स्थिति पर चर्चा की।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता अधीर चौधरी के नेतृत्व में टीम शनिवार से मणिपुर की दो दिवसीय दौरे पर है और चुराचांदपुर, बिष्णुपुर और इंफाल जिलों में विभिन्न राहत शिविरों में गई और हिंसा प्रभावित लोगों से मुलाकात की।

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चौधरी ने राज्यपाल को बाताया कि राहत शिविरों में लोग किस तरह से रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग दर्द और दुख में हैं, उनके मन में अवसाद और भय की भावना भी आम है। महिलाओं, बच्चों और छात्रों सहित समाज के लगभग सभी वर्ग प्रभावित हैं और चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाने का समय आ गया है।

प्रतिनिधियों ने कहा कि यह न केवल कानून और व्यवस्था की समस्या है, बल्कि एक जातीय संघर्ष भी है, जिस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है और इसलिए राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए संघर्ष को समाप्त करने और समुदायों के बीच नफरत को दूर करने के लिए एक उचित कदम उठाया जाना चाहिए। उन्होंने राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपकर शांति, सद्भाव और न्याय बहाल करने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि शांति और सद्भाव लाने के लिए प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास तत्काल किया जाना चाहिए।

राज्यपाल ने मणिपुर दौरे के लिए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और शांति तथा सामान्य स्थिति की बहाली के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने उन्हें बताया कि वह पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों में विभिन्न राहत शिविरों के दौरे करके लोगों को होने वाली समस्याओं से पूरी तरह अवगत हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें स्थिति को नियंत्रित करने और जल्द से जल्द शांति तथा सामान्य स्थिति लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। सुरक्षा बल भी लोगों को बचाने के लिए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “दोनों समुदायों के बीच अविश्वास को पाटने के लिए नफरत को दूर करना होगा और इसलिए सभी हितधारकों को इस दिशा में शांति से काम करना चाहिए।

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों से शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की सदियों पुरानी परंपरा की यथास्थिति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों के नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से शांति बहाल करने के लिए सहयोग देने की अपील की।

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