नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत ने जानलेवा बीमारी कैंसर और मलेरिया पीड़ितों की मदद करने में बड़ी सफलता हासिल की है।
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मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 117वीं कड़ी के संबोधन में कहा, ‘भारत की दो बड़ी उपलब्धियां आज विश्व का ध्यान आकर्षित कर रही हैं इन्हें सुनकर आपको भी गर्व महसूस होगा , ये दोनों सफलताएं स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिली हैं, पहली उपलब्धि मिली है मलेरिया से लड़ाई में। मलेरिया की बीमारी चार हजार वर्षों से मानवता के लिए एक बड़ी चुनौती रही है।’
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उन्होंने कहा कि आजादी के समय भी यह हमारी सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक थी। एक महीने से लेकर पांच साल तक के बच्चों की जान लेने वाली सभी संक्रामक बीमारियों में मलेरिया का तीसरा स्थान है।
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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज मैं संतोष से कह सकता हूँ कि देशवासियों ने मिलकर इस चुनौती का दृढ़ता से मुकाबला किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट कहती है भारत में 2015 से 2023 के बीच मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों में 80 प्रतिशत की कमी आई है।’
उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। सबसे सुखद बात यह है कि यह सफलता जन-जन की भागीदारी से मिली है। उन्होंने कहा कि भारत के कोने-कोने, हर जिले से हर कोई इस अभियान का हिस्सा बना है।
उन्होंने कहा, ‘असम में जोरहाट के चाय बागानों में मलेरिया चार साल पहले तक लोगों की चिंता की एक बड़ी वजह बना हुआ था लेकिन जब इसके उन्मूलन के लिए चाय बागान में रहने वाले एकजुट हुए तो इसमें काफी हद तक सफलता मिलने लगी।’
मोदी ने कहा कि अपने इस प्रयास में उन्होंने प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी भरपूर इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले ने मलेरिया पर नियंत्रण के लिए बड़ा अच्छा मॉडल पेश किया। यहां मलेरिया की नजर रखने के लिए जनभागीदारी काफी सफल रही है। नुक्कड़ नाटक और रेडियो के जरिए ऐसे संदेशों पर जोर दिया गया जिससे मच्छरों के पैदा होने की रफ्तार कम करने में काफी मदद मिली है। देश-भर में ऐसे प्रयासों से ही हम मलेरिया के खिलाफ जंग को और तेजी से आगे बढ़ा पाए है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी जागरूकता और संकल्प शक्ति से हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं। इसका दूसरा उदाहरण है कैंसर से लड़ाई। दुनिया के मशहूर मेडिकल जरनल लानसेट की अध्ययन वाकई बहुत उम्मीद बढ़ाने वाली है। इस जरनल के मुताबिक अब भारत में समय पर कैंसर का इलाज शुरू होने की संभावना काफी बढ़ गई है। समय पर इलाज का मतलब है कैंसर मरीज का इलाज 30 दिनों के भीतर ही शुरू हो जाना और इसमें बड़ी भूमिका निभाई है ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने।
मोदी ने आगे कहा इस योजना की वजह से कैंसर के 90 प्रतिशत मरीज समय पर अपना इलाज शुरू करा पाए हैं। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पहले पैसे के अभाव में गरीब मरीज कैंसर की जांच में, उसके इलाज से कतराते थे।
उन्होंने कहा, ‘अब ‘आयुष्मान भारत योजना’ उनके लिए बड़ा संबल बनी है। अब वो आगे बढ़कर अपना इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। ‘आयुष्मान भारत योजना’ ने कैंसर के इलाज में आने वाली पैसों की परेशानी को काफी हद तक कम किया है। अच्छा ये भी है कि आज समय पर कैंसर के इलाज को लेकर लोग पहले से कहीं अधिक जागरूक हुए हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह उपलब्धि जितनी हमारे स्वास्थ्य व्यवस्था की है, डॉक्टरों, नर्सों और तकनीकी कर्मचारी की है, उतनी ही आप सभी मेरे नागरिक भाई-बहनों की भी है। सबके प्रयास से कैंसर को हारने का संकल्प और मजबूत हुआ है। इस सफलता का श्रेय उन सभी को जाता है जिन्होनें जागरूकता फैलाने में अपना अहम योगदान दिया है।’
उन्होंने कहा कैंसर से मुकाबले के लिए एक ही मंत्र है – अवेयरनेस इसके लक्षणों के प्रति जागरूकता, समय पर जांच और इलाज, मरीजों के लिए हर मदद उपलब्ध होने का विश्वास।’