नई दिल्ली। वैश्विक धन शोधन एवं आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी निकाय (एफएटीएफ) ने गुरुवार को भारत पर अपनी बहुप्रतीक्षित पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में भारत को नियमित अनुवर्ती श्रेणी में रखा गया है, यह एक ऐसा सम्मान है जो इसे केवल चार अन्य जी-20 देशों के साथ प्राप्त है। रिपोर्ट के मुताबिक देश की प्रणालियां ‘प्रभावी’ हैं लेकिन इन मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए ‘बड़े सुधार’ की जरूरत है।
वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अतिरिक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने एफएटीएफ पर जारी इस रिपोर्ट की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत ने अवैध वित्त से निपटने के उपायों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अग्रवाल ने कहा कि भारत के लिए अपनी पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट ‘एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी उपायों’ में एफएटीएफ ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत ने उसके अनुशंसाओं में तकनीकी अनुपालन का उच्च स्तर हासिल किया है।
उल्लेखनीय है कि पेरिस मुख्यालय वाली संस्था एफएटीएफ की 368 पृष्ठों की यह रिपोर्ट जून महीने की पूर्ण बैठक में मूल्यांकन को अपनाए जाने के बाद जारी की गई है। इससे पहले भारत की धन शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने की व्यवस्था की पिछली समीक्षा 2010 में प्रकाशित हुई थी।