नई दिल्ली। भारत मजबूत घरेलू बुनियाद और मुद्रास्फीति में नरमी की उम्मीदों के चलते वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। यह जानकारी वित्त मंत्रालय की आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में दी गई है।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी सितंबर की मासिक आर्थिक समीक्षा में रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि फारस की खाड़ी में हालिया घटनाक्रमों से वैश्विक अनिश्चितताएं बढ़ गई हैं। इन घटनाक्रमों से आगे कच्चे तेल के दाम में उछाल आ सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान स्तर पर अमेरिकी शेयर बाजारों में गिरावट का जोखिम अधिक है। अगर ऐसा होता है तो इसका प्रभाव दुनिया अन्य बाजारों पर भी पड़ेगा। हालांकि, रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत का व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण उज्ज्वल है। यह मजबूत घरेलू बुनियादी पर आधारित है। निजी खपत के साथ-साथ निवेश मांग भी मजबूत हो रही है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक भारत में औद्योगिक क्षमता के इस्तेमाल में सुधार हुआ है। इसके साथ ही संपत्ति बाजार भी अच्छी स्थिति में दिख रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के अनुमान भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि भारत वित्त वर्ष 2023-24 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा। दरअसल, आईएमएफ ने अक्टूबर में चालू वित्त वर्ष के लिए वैश्विक वृद्धि अनुमान को तीन फीसदी पर कायम रखते हुए भारत के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 0.2 फीसदी बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक यह वैश्विक अनिश्चितताओं और ताजा भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच वैश्विक विश्लेषकों के भारत की आर्थिक ताकत पर बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।