मेरठ। किसानों से बात कर उप गन्ना आयुक्त ने उनके गन्ने के खेत का निरीक्षण कर कहा कि पोटाश से गन्ना स्वस्थ रहता है और उसका वजन भी बढ़ता है। उन्होंने किसानों से वार्ता कर उनके अनुभव भी साझा किए।
उप गन्ना आयुक्त ओपी सिंह ने किसानों से वार्ता कर उन्हें गन्ने की फसल में पोटाश के लाभ के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब जैविक पोटाश भी उपलब्ध है, उसका उपयोग भी किया जा सकता है। किसान पोटाश का प्रयोग कर अच्छी फसल लें। अभी जो फसल का समय है, उसमें गन्ने की लाइनों पर मिट्टी चढ़ाई जा रही है। गन्ने में मिट्टी चढ़ाई के समय पोटाश लगाना उत्तम रहेगा।
किसान बृजपाल ने बताया कि उन्होंने गन्ना प्रजाति 15023 लगाई है और इस वर्ष उनकी पैदावार 1050 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही है। इस प्रजाति में बीमारी भी बहुत कम आती है। उप गन्ना आयुक्त ने किसानों से कहा कि गन्ने में लगने वाले कण्डुआ रोग (स्मट) से भी फसल को जरूर बचाएं। इसकी पहचान के लक्षण, यह फफूंद जनित रोग है। गन्ने की अगोले के ऊपरी भाग से काला कोड़ा निकलता है जो कि सफेद पतली झिल्ली द्वारा ढका होता है।
इसके बचाव के लिए बुवाई के समय गन्ने के टुकड़ों को प्रोपिकोनाजोल 25 ईसी या कार्बेन्डाजिम 50 डब्ल्यूपी के 0.1 प्रतिशत घोल में 5-10 मिनट तक उपचारित करें तथा ग्रसित पौधों में बन रहे काले कोड़ों को बोरों से ढककर सावधानी पूर्वक खेत से निकाल कर दूर नष्ट कर दें और प्रोपिकोनाजोल 25 ईसी के 0.1 प्रतिशत घोल का 15 दिनों के अंतराल पर दो बार छिड़काव करें।