शामली। खादी और ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के अन्तर्गत प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण देते हुए लाभार्थियों को उपकरण भी देती है। सोलर चर्खा वितरण एवं प्रशिक्षण के अन्तर्गत विभाग द्वारा संचालित उत्पादन केन्द्रों एवं खादी और ग्रामोद्योग आयोग/उत्तर प्रदेश खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड से पंजीकृत/वित्त पोषित खादी संस्थाओं के माध्यम से प्रदेश में खादी के उत्पादन को बढ़ाया दिये जाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा कत्तिनों को प्रशिक्षण दिलाकर उन्हें निःशुल्क सोलर चर्खा उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि, गुणवत्तायुक्त खादी उत्पादन के साथ कत्तिनों की आय के साथ-साथ उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सके। इस योजनान्तर्गत विगत वर्षों में कुल 5677 से अधिक सोलर चर्खों का वितरण कराया गया, जिससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से 11354 लाभार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। टूल किट वितरण/प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत दोना पत्तल मेकिंग मशीन वितरण की योजना भी सरकार द्वारा संचालित है।
दोना पत्तल विभिन्न जनपदो के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक रूप से कमजोर बेरोजगार एवं परम्परागत व अन्य कारीगरों को प्रोत्साहित किये जाने के उदेदश्य से यह कार्यक्रम संचालित हैं। विगत वर्षों में 1449 अदद दोना पत्तल मशीनों का निःशुल्क वितरण कराया गया जिससे प्रत्यक्ष एक अप्रत्यक्ष रूप से 4347 लाभार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में 580 लाभार्थियों को दोना पत्तल मशीनों का वितरण कराते हुए 1740 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। लाभार्थियों को उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करायी जा रही है। सरकार द्वारा संचालित इन कार्यक्रमों से लाभार्थी आत्मनिर्भर हो रहे हैं और युवा रोजगार से लग रहे हैं। प्रदेश में खादी ग्रामोद्योग विभाग द्वारा भुर्जी समाज एवं अन्य कमजोर वर्गो के व्यक्तियों को प्रोत्साहित किए जाने के उद्देश्य पॉपकार्न मेंकिंग मशीन वितरण कार्यक्रम संचालित किया गया है। प्रदेश के गरीब परिवारों के पात्र लाभार्थियों को पॉपकार्न मेंकिंग मशीन का निःशुल्क वितरण कराते हुए उन्हें रोजगार से लगाया जा रहा है। प्रदेश में कुल 2024 पॉपकार्न मेंकिंग मशीन का निःशुल्क वितरण कराते हुए लगभग 6072 लोगों को प्रत्यक्ष एव अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
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प्रदेश सरकार की खादी एवं ग्रामोद्योग विकास एवं सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति है। देश में सिर्फ ग्रामोद्योगों के विकास के लिए किसी राज्य द्वारा बनाई गई महत्वपूर्ण नीति है। इससे गाँवों में खादी व ग्रामोद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध हो रहा है। इस नीति से युवाओं को नवाचार व उद्यमशीलता प्रोत्साहन मिल रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए खादी ग्रामोद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस नीति के तहत खादी उत्पादन में वृद्धि एवं खादी कामगारों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से खादी संस्थाओं को निःशुल्क चरखे वितरित किये जा रहे हैं। इस नीति के तहत खादी और ग्रामोद्योग का उत्पादन, रोजगार उपलब्ध कराना, सामाजिक उद्देश्य है। इससे ग्रामीणों में आत्मनिर्भरता आ रही है। इससे एक मजबूत ग्रामीण सामुदायिक भावना का निर्माण भी हो रहा है।