नयी दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि भारत में पिछले नौ वर्षों की अवधि में अंतर्देशीय मछली उत्पादन सालाना 8.78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी और 2014-23 के दौरान वार्षिक उत्पादन में करीब 96 प्रतिशत वृद्धि हुई।
पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने लोकसभा में एक प्रश्न करने के लिखित उत्तर में बताया कि 2022-23 में देश में 131.13 लाख टन का उच्चतम अंतर्देशीय मछली उत्पादन दर्ज किया गया। वर्ष 2014-15 में मछली उत्पादन 66.91 लाख टन था। वर्ष 2019-20 में उत्पादन बढ़ कर 104.37 लाख टन हो गया।
उन्होंने कहा कि 2014-15 से 2022-23 के दौरान वार्षिक अंतर्देशीय मछली उत्पादन का स्तर 95.9 प्रतिशत बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों की जानकारी दी जिनमें केंद्र प्रायोजित योजना (सीएसएस) नीली क्रांति: एकीकृत विकास योजना ( 2015-16 से 2019-20 कुल लागत 3000 करोड़ रुपये), प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) (2020-21 से 2024-25 तक प्रस्तावित निवेश 20,050 करोड़ रुपये) तथा 7522.48 करोड़ रुपये की कुल निधि के साथ मत्स्य पालन और एक्वाकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (एफआईडीएफ) का कार्यान्वयन ( 2018-19 से 2023-24) तथा मछुआरों और मछली पालकों को उनकी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए वर्ष 2018-19 में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) सुविधा के विस्तार का उल्लेख किया।