भोपाल। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए रविवार, 23 अप्रैल की शाम बड़ी रोचक होने जा रही है। इस दौरान पश्चिम आकाश में अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। सूरज के डूबते ही दो खगोलीय पिंडों की चमचमाती जोड़ी आपका ध्यान आकर्षित करेगी।
भोपाल की नेशनल अवॉर्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने उक्त खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रविवार शाम आकाशमंडल का सबसे चमकदार ग्रह वीनस (शुक्र) की हंसियाकार (मुस्कराते हुए) चंद्रमा के साथ जोड़ी दिखने जा रही है। पिछले महीने दिखी जोड़ी में वीनस चंद्रमा के नीचे था, लेकिन इस बार वीनस चंद्रमा के बगल में होगा।
सारिका ने बताया कि इस अद्भुत खगोलीय घटना में खास बात यह होगी कि चंद्रमा हंसियाकार होते हुए भी पूरे गोलाकार दिखने का आभास करा सकता है। इसमें लगभग 11 प्रतिशत चमकदार भाग के अलावा चंद्रमा का बाकी भाग भी हल्के प्रकाश के साथ दिखेगा।
उन्होंने बताया कि खगोल विज्ञान में इसे अर्थशाइन कहते हैं। इस घटना को लियोनार्डो द विंची चमक (Da Vinci glow) भी कहा जाता है। लियोनार्डो द विंची ने पहली बार स्केच के साथ 1510 के आसपास अर्थशाइन की अवधारणा को रखा था।
सारिका ने बताया कि अर्थशाइन तब होता है, जब सूरज की रोशनी पृथ्वी की सतह से परावर्तित होती है और चंद्रमा की सतह के अंधेरे वाले भाग को भी रोशन करती है। रविवार शाम को जब आप चंद्रमा को देखें तो याद रखें कि उसे चमकाने में उस पृथ्वी का भी योगदान है, जिस पर आप खड़े हैं।
सारिका ने बताया कि विदेशों में इस खगोलीय घटना को अशेन ग्लो (ashen glow) या नये चंद्रमा की बांहों में पुराना चंद्रमा (the old Moon in the new Moon’s arms) भी नाम दिया जा रहा है। अगर बादल बाधा न बने तो शाम को इस जोड़ी को निहारने के लिए कुछ पल अवश्य निकालें।