Saturday, May 4, 2024

जर्मनी में 22 माह से फंसी है मासूम भारतीय बच्ची, मासूम की माँ को याद आई सुषमा स्वराज, बोली-वो माँ थी,माँ का दर्द जानती थी !

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लंदन। भारतीय बच्ची अरिहा शाह को भारत भेजने की मांग को लेकर रविवार को जर्मनी में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी और बच्चे सड़कों पर उतरे। ज्ञात रहे कि जर्मनी में पिछले 22 महीनों से भी ज्यादा समय से भारतीय बच्ची अरिहा शाह को एक शिशु देखभाल केंद्र में रखा गया है। भारत बच्ची को लेकर लगातार जर्मनी पर दबाव बना रहा है।

भारत वापस लाने की मांग करने के लिए बच्चों सहित भारतीय प्रवासियों ने मैनहेम परेडप्लात्ज शहर में सड़क किनारे इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अपने हाथों में टेम्पलेट और बैनर्स ले रखे थे, जिसपर बेबी अरिहा को भारत भेजने की बात लिखी थी। बता दें कि भारत जर्मनी से अरीहा को जल्द से जल्द स्वदेश भेजने में मदद करने की मांग कर रहा है। भारत का कहना है कि यह बच्ची के लिए बहुत जरूरी है कि वह अपने भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और समाजिक वातावरण में पले-बढ़े।

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आपको बता दें कि यह पूरा मामला सितंबर, 2021 का है, जब भारतीय नागरिक अरिहा सात माह की थी तभी जर्मनी की यूथ वेलफेयर ऑफिस ने एक डॉक्टर की शिकायत पर माता-पिता पर बच्ची के उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए उसे कब्जे में ले लिया था। हालांकि उसके माता पिता का कहना था कि जर्मन अधिकारी उन्हें पूरी बात रखने का ठीक से समय भी नहीं दिया।

वहीं, कुछ समय पहले जब जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बीयरबॉक भारत आई थीं, तब भी उनसे इस सम्बन्ध में साफ तौर पर बात हुई थी। लेकिन इस संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि अरिहा का लगातार जर्मनी के बाल देखभाल गृह में रहना उसके सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों का ‘‘उल्लंघन” है जो भारत सरकार और उसके माता-पिता के लिए गहरी चिंता का विषय है। बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर अरिहा को वापस घर लाने के मामले में मदद मांगी थी।

एक सवाल के जवाब में बागची ने कहा, ‘‘हम यह दोहराना चाहते हैं कि अरिहा शाह एक भारतीय नागरिक है और उसकी राष्ट्रीयता और सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक है, जहां उसका पालन-पोषण किया जाना है।” उन्होंने कहा, ‘‘हम जर्मन अधिकारियों से अरिहा को जल्द से जल्द भारत भेजने के लिए हर संभव प्रयास करने का आग्रह करते हैं, जो एक भारतीय नागरिक के रूप में उसका अधिकार भी है।” बागची ने कहा कि विदेश मंत्रालय और बर्लिन में भारतीय दूतावास अरिहा की स्वदेश वापसी के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

परिजन का आरोप है कि बच्ची को बर्लिन में 22 महीने से जिस सेंटर में रखा गया था। अब उसे वहां से उठाकर मंदबुद्धि सेंटर में भेज दिया गया है। बच्ची की मानसिक हालत खराब बताकर व्यवहार किया जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे अरिहा शाह की भारत वापसी की लगातार वकालत करते रहे हैं।

अरिहा की व्याकुल और भावुक मां धारा शाह ने अपने बच्चे को वापस पाने के संघर्ष के बीच दिवंगत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को याद किया। धारा ने कहा- सुषमा स्वराज, एक मां थीं। इसलिए वह एक मां का दर्द समझती थीं। यहां तक ​​कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने हमेशा इस कारण का समर्थन किया। वह कहती थीं, अगर बच्चा भारतीय नागरिक है, तो हमें पता है कि अपने बच्चे की देखभाल कैसे करनी है। ये उनका स्टैंड था। 22  महीने हो गए हैं। मुझे विश्वास है कि अगर भारत सरकार हस्तक्षेप करती है,अगर पीएम मोदी इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं तो मेरी बेटी को न्याय मिलेगा। वो एक भारतीय बच्ची है। एक गुजराती बच्ची है।

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