-सीतेश कुमार द्विवेदी
सभी प्रकार के हृदय रोगों के मामले में चिकित्सक रोगी को प्रतिदिन निर्धारित मात्रा में एस्पिरिन लेने की सलाह देते हैं। डाक्टरों का दावा है कि यह दवा खून को पतला रखती है, खून में थक्का जमने से बचाती है जो हृदयाघात जैसी आपदा को रोकता है।
यह दवा का लाभदायी पक्ष है जो अत्यधिक प्रचारित है किंतु इसका नुकसानदायक पक्ष डाक्टर किसी रोगी को नहीं बताते।
इस दवा के सेवन से खून पतला हो जाता है जो चोट लगने पर रक्त के देर तक बहते रहने का कारण बनता है।
यह एस्प्रिन दवा सेवनकर्ता के शरीर में आंतरिक रक्तस्राव जैसी स्थिति पैदा करता है। वे रोगी जो इस दवा का सेवन चिकित्सक की सलाह पर हृदय रोग और हृदयाघात से बचने के लिए कर रहे हैं वे आंतों में रक्त एवं शरीर में रक्त की कमी जैसी मुसीबत के साथ डाक्टरों के पास इलाज कराने पहुंच रहे हैं।
ऐसी मुसीबत से बचने सेे रोगी सावधान हो जाएं जो हृदय रोग एवं मधुमेह से पीडि़त हैं एवं एस्पिरिन या एस्प्रिन मिश्रित कोई दवा अधिक समय से ले रहे हैं।
ऐसे रोगी अपने चिकित्सक को पूर्व में सेवन किए गए सभी दवाओं की जानकारी अवश्य दें। सभी पर्चियां संभाल कर रखें एवं चिकित्सक को दिखाएं।