चेन्नई| तमिलनाडु में पूछताछ के बहाने अपराधियों को प्रताड़ना देने के आरोपों के चलते अंबासमुद्रम के सहायक पुलिस अधीक्षक बलवीर सिंह को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने बुधवार को राज्य विधानसभा को सूचित किया।
बलवीर सिंह पर पूछताछ के लिए ले जाए गए लोगों के दांत निकालने और प्राइवेट पार्ट को नुकसान पहुंचाने जैसे कई आरोप हैं। तमिलनाडु राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष वी. भास्करन ने पहले आईपीएस अधिकारी के खिलाफ उनके द्वारा किए गए अत्याचारों के बारे में मीडिया रिपोटरें पर स्वत: संज्ञान लेकर जांच का आदेश दिया था। जानकारी के अनुसार, सामूहिक संघर्ष, पैसे उधार देने और अन्य छोटे अपराधों के विभिन्न आरोपों में दस युवकों को हिरासत में लिया गया था। युवकों को थाने लाने के बाद सिंह ने उन्हें प्रताड़ित किया था ।
वायरल वीडियो में एक पीड़ित चेल्लप्पा ने बताया, थाने में बलवीर सिंह सफेद दस्ताने पहने हुए थे। बलवीर ने मुझे अंदर बुलाया जिसके बाद दूसरे पुलिस अधिकारियों ने उसका हाथ पकड़ लिया। फिर बलवीर ने उसके दांत कटिंग प्लास की मदद से तोड़ दिया। उनके भाइयों और दूसरे गुट के लोगों का भी वही हाल हुआ। चेल्लप्पा ने कहा कि घटना को करीब दस दिन हो गए हैं, लेकिन मेरा भाई अब भी बिना किसी सहारे के चल नहीं पा रहा है।
चेल्लप्पा ने पुलिस पर अदालत में पेश करने से पहले धमकी देने का आरोप लगाया है। उसने बताया पुलिस ने उससे कहा कि अदालत में हमें यह नहीं बताना है कि पुलिस स्टेशन में पीटा गया था। साथ ही अगर हमसे हमारी चोटों के बारे में पूछा जाए तो हमें अदालत को यह बताने के लिए कहा गया कि हम नारियल तोड़ते समय पेड़ से गिर गए थे या तो अपनी बाइक से गिर गए थे।
बलवीर सिंह पर चेल्लप्पा, उनके भाई और उनके साथ हिरासत में लिए गए अन्य लोग आरोप लगाने वाले अकेले लोग नहीं हैं। टीएनएम ने वेधा नारायणन नाम के एक शख्स ने भी यह आरोप लगाया कि वीके पुरम पुलिस थाने में प्रताड़ित किया गया था जहां वह पारिवारिक विवाद को लेकर गए थे।
एसएचआरसी ने मानवाधिकार निकाय के एक महानिरीक्षक अधिकारी को आरोपों की जांच करने और छह सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। चेल्लप्पा नाम के एक युवक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आरोप लगाया था कि आईपीएस अधिकारी ने उसका दांत तोड़ दिया था और उसके मुंह में बजरी भर दी थी। उनके आरोप वायरल हो गए थे।
तमिलनाडु के एक राजनीतिक संगठन नेताजी सुभाष सेना ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी 40 से अधिक लोगों के दांत तोड़ चुका है, वहीं कुछ आरोपियों के प्राइवेट पार्ट को भी नुकसान पहुंचाया है। नेताजी सुभाष सेना के नेता एडवोकेट महाराजन ने इस मामले को जनता के सामने रखा और मीडिया को बताया कि उन्होंने 17 लोगों के आरोपों की पुष्टि की है और आगे जांच कर रहे हैं।
तिरुनेलवेली के जिला कलेक्टर के.पी. कार्तिकेयन ने भी सिंह के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद उप-विभागीय मजिस्ट्रेट द्वारा जांच के आदेश दिए हैं।
आपको बता दे कि दो राजनीतिक संगठनों – नेताजी सुभाष सेना और पुरची भारतम काची ने युवाओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बाद तिरुनेलवेली और अंबासमुद्रम क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया था जिसके बाद ये मामला सबके सामने आया।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिले में एक आईपीएस ऑफिसर ने हिरासत में आरोपियों को टॉर्चर करते करते दांत तोड़ डाले। उन्होंने अधिकारियों को आईपीएस बलवीर सिंह को निलंबित करने का आदेश दिया है।
सीएम स्टालिन ने तमिलनाडु में एक कॉल अटेंशन मोशन का जवाब देते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा, मैंने उनके निलंबन का आदेश दिया है। मजिस्ट्रियल जांच की रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस थानों में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर समझौता करने की कोई जगह नहीं है।