लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कानपुर के पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को आगजनी मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा सुनाई गई सात साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। वर्तमान में इरफान सोलंकी महाराजगंज जेल में बंद हैं। यह फैसला न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ द्वारा दिया गया है।
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राज्य सरकार ने इरफान सोलंकी की सजा बढ़ाने के लिए अपील की है, जिसमें उम्रकैद की मांग की गई है। इस अपील को कोर्ट ने चार हफ्तों बाद सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। सजा पर रोक नहीं लगाए जाने के कारण इरफान की विधायकी बहाल नहीं हो सकेगी।
वर्ष 2022 में इरफान सोलंकी समेत कई लोगों के खिलाफ कानपुर में आगजनी का मामला दर्ज हुआ था। जून 2024 में कानपुर नगर की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में पांच आरोपियों को सात-सात साल की सजा सुनाई थी। इसमें इरफान सोलंकी के भाई रिजवान सोलंकी भी शामिल हैं। इरफान सोलंकी की पत्नी सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी हैं।