इस्लामाबाद- पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सभी 201 मामलों में जमानत दे दी है। कोर्ट ने 17 मई तक जमानत देने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट से इमरान खान को जमानत मिलने के बाद शहबाज सरकार में शामिल सत्तारूढ़ दल बिफर उठे हैं। सरकार में शामिल मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व वाले पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर धरना शुरू करने की घोषणा की है।
पूरे देश में अघोषित मार्शल लॉ जैसे हालात हो गए हैं, लेकिन इमरान खान ने देश में शांति की अपील की है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इमरान के सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तक आंदोलन जारी रखने का आह्वान किया है। भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इमरान खान को तोशाखाना मामले में भी राहत मिली है। इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इस अभियोग पर स्थगन आदेश जारी किया है। दूसरी ओर, अल-कादिर ट्रस्ट मामले में भी इमरान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने 2 सप्ताह के लिए जमानत दे दी है। इससे पहले हाई कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही हंगामा मच गया। पेशी के दौरान इमरान समर्थक वकीलों ने कोर्ट रूम में इमरान के नारों से हंगामा कर दिया, जिससे जज रूम छोड़कर चले गए।
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताकर तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। बीती शाम को इमरान ने अपने समर्थकों से शांति की अपील करते हुए दावा किया कि हिरासत में उन्हें डंडों से पीटा गया। उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार किसी अपराधी के साथ भी स्वीकार नहीं है। पूर्व पीएम ने कहा कि उनके खिलाफ 145 केस दर्ज हुए हैं और उनकी गिरफ्तारी एक आतंकी की तरह की गई।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के प्रमुख इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट से गिरफ्तार किया था। इमरान की रिहाई को लेकर उनकी पार्टी के समर्थक सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पर हमलावर हो गए और देश भर से हिंसा, आगजनी और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
दूसरी तरफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को देश को विनाश के रास्ते पर ले जाने वाला बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का लाडला तक कह दिया। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि दोहरे मानक पाकिस्तान में न्याय की मौत का कारण बने हैं।
शरीफ ने कहा कि यह और कुछ नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) है। शहबाज ने कहा कि जब वह (इमरान) गुरुवार को कोर्ट में उपस्थित थे, तो मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि आप को देखकर अच्छा लगा और उन्होंने यह भ्रष्टाचार के एक मामले में कहा।
शहबाज ने शुक्रवार को संघीय कैबिनेट को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आप इस लाडले का पक्ष लेते रहना चाहते हैं, तब तो आपको देश की जेलों में बंद सभी डकैतों को भी रिहा कर देना चाहिए। सभी को इसका लाभ मिले। उन्होंने पूछा कि यह नरमी उनके भाई पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और अन्य नेताओं के प्रति क्यों नहीं दिखाई गई, जिन्हें इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते गिरफ्तार किया गया था।
पीएम शरीफ ने इमरान खान और उनकी पार्टी को झूठा करार दिया और उन पर नकदी संकट से गुजर रहे देश को विनाश की ओर धकेलने का आरोप लगाया। शरीफ ने मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए खान के शासनकाल में उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं के जेल भेजे जाने पर साधी गई चुप्पी को लेकर अदालतों पर सवाल उठाया। उन्होंने सवाल किया, क्या उन्होंने (कोर्टों ने) संज्ञान लिया था, जब हमें जेल भेजा जा रहा था।
शरीफ ने दावा किया कि खान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से हुए समझौते का उल्लंघन किया और उनकी मौजूदा गठबंधन सरकार उसे ठीक करने की कोशिश कर रही है।
इसी बीच सरकार में शामिल दलों के नेता मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि इमरान खान को न्यायिक समर्थन देने के विरोध में पार्टी कार्यकर्ता सोमवार को अपना विरोध दर्ज करवाएंगे। फजलुर रहमान ने शुक्रवार को कहा, ‘आज हमने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट के इस रवैये का विरोध किया जायेगा. मैं PDM नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हुए अपील करता हूं कि पूरे देश के लोगों को सोमवार को इस्लामाबाद के लिए रवाना होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के सामने सोमवार को बड़ा विरोध प्रदर्शन होगा।
रहमान ने इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध घोषित करने पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कानून का मखौल उड़ा रहे एक व्यक्ति के प्रति समर्थन दिखा रही है, उन्होंने पूछा, ‘सेना प्रमुख के मुख्यालय पर हमला किया गया. कोर कमांडर के घर पर हमला किया गया है. जिस तरह से देश के रक्षा संस्थानों का अपमान किया जा रहा है, अदालत उनकी सुरक्षा के लिए कुछ करेगी या नहीं।