Sunday, February 23, 2025

इंग्लैण्ड के जैकब ने अपनाया सनातन, नया नाम जय किशन सरस्वती

महाकुम्भनगर – महाकुम्भ में संगम तट पर सनातन संस्कृति की अनुपम छठा बिखरी हुई है। सनातन संस्कृति की इसी आध्यात्मिक शक्ति से अभिभूत हुए इंग्लैंड के रहने वाले जैकब, अब संन्यास ग्रहण कर जय किशन सरस्वती बन चुके हैं।

महाकुम्भ में भारत देश और सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर फ्रांस, इंग्लैण्ड, बेल्जियम, कनाडा, इक्वाडोर, ब्राजील जाने किस-किस देश से पर्यटक प्रयागराज में संगम तट की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्हीं में एक इंग्लैंड के मैनचेस्टर के रहने

यूपी में 31 IAS बदले, मेरठ-सहारनपुर के कमिश्नर, मेरठ, गाज़ियाबाद,लखनऊ,बागपत ,बिजनौर समेत 14 DM बदले !

वाले जैकब, सनातन संस्कृति और उसकी आध्यात्मिक शक्ति से इतने प्रभावित हुए की पूरी तरह से उसके रंग में रंग कर संन्यास तक ग्रहण कर चुके हैं। जैकब ने बताया कि वो लगभग 10 वर्षों से भारत में ही रह रहे हैं।

उन्होंने भारत में काशी, हरिद्वार,ऋषिकेष,मथुरा, वृंदावन, उज्जैन समेत पुरी जैसी धार्मिक नगरियों की यात्रा की है। प्रयागराज और यहां के महाकुम्भ में वो पहली बार आये हैं। जैकब ने बताया कि उन्होंने हरिद्वार के महाकुम्भ में जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर उमाकान्तानंद से दीक्षा ले कर संन्यास ग्रहण किया था। तब से वो जय किशन सरस्वती बन गये हैं।

गाजियाबाद में डीएम ने बैंक वालों को बनाया बंधक, लोन पास करो, नहीं तो नहीं किये जाओगे मुक्त !

जय किशन सरस्वती ने बताया कि उन्होंने इंग्लैण्ड के मैनचेस्टर से बैचलर ऑफ आर्टस की पढ़ाई की है। उसके बाद वो इंग्लैण्ड की क्रियेटिव एजेंसी में काम करते थे। शुरू से ही वो भारत की संस्कृति और यहां की आध्यात्मिकता से प्रभावित थे। उन्होंने भागवत गीता का अध्ययन किया और हिंदी तथा संस्कृत भाषा भी सीखी। 2013 में वो काशी देखने भारत आये थे तब से कुछ साल भारत में ही जगह-जगह भ्रमण करते रहे।

रुपाली गांगुली की बेटी नहीं कर सकेगी उनके बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी, हाईकोर्ट ने दिए आदेश

एक समय उनका सनातन संस्कृति के प्रति झुकाव इतना बढ़ गया कि उन्होंने स्वामी उमाकान्तानंद जी से दीक्षा ग्रहण कर संन्यास अपना लिया। तब से वो स्वामी उमाकान्तानंद जी के साथ ही प्रवास और भ्रमण करते हैं। प्रयागराज के महाकुम्भ में पहली बार उन्होंने जूना अखाड़े के साथ संगम में अमृत स्नान किया। जय किशन सरस्वती का कहना है कि उन्हे जीवन में इससे पहले कभी ऐसी आध्यात्मिक अनुभूति नहीं हुई।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,854FansLike
5,486FollowersFollow
143,143SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय