श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की मतगणना के शुरुआती रुझानों में कश्मीर क्षेत्र में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और कांग्रेस गठबंधन को 47 सीटों में से 37 सीटों पर बढ़त मिल रही है, जबकि जम्मू क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 43 सीटों में से 27 सीटों पर आगे चल रही है।
चुनाव आयोग के रुझानों के अनुसार, श्रीनगर क्षेत्र में नेकां और कांग्रेस 37 सीटों पर, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) चार, भाजपा एक और अन्य पांच सीटों पर आगे चल रहे हैं।
जम्मू क्षेत्र में, भाजपा 27 सीटों पर आगे चल रही है, नेकां और कांग्रेस गठबंधन 11 सीटों पर और अन्य पांच सीटों पर आगे चल रहे हैं।
नेकां उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला गंदेरबल और बडगाम दोनों सीटों से आगे चल रहे हैं। पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट से पीछे चल रही हैं। पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन हंदवारा से आगे चल रहे हैं, जबकि कुपवाड़ा में पीछे चल रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर के 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना श्रीनगर और जम्मू में एक साथ सुबह आठ बजे शुरू हुई। प्रदेश में 43 महिलाओं सहित 873 उम्मीदवारों के राजनीतिक भाग्य का फैसला आज होगा।
ये चुनाव परिणाम 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद प्रदेश की पहली निर्वाचित सरकार का मार्ग प्रशस्त करेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई थीं तथा केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में 28 मतगणना केंद्रों के आसपास कड़े सुरक्षा के इंतजाम किये गये हैं।
जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) पांडुरंग के. पोल ने बताया कि मतगणना के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गयी है और मतगणना केंद्रों के आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है।
प्रदेश में नेकां और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, जिसमें कांग्रेस ने 33 सीटों पर और नेकां ने 52 सीटों पर उम्मीदवार उतारे। दोनों दलों के बीच पांच सीटों पर ‘दोस्ताना मुकाबला’ हुआ, जिसमें एक-एक सीट भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी को दी गयी। नेकां और कांग्रेस दोनों ही विपक्षी इंडिया समूह का हिस्सा हैं।
पीडीपी ने सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे, जबकि भाजपा ने 62 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें कश्मीर घाटी में 19 उम्मीदवार थे। प्रदेश में कुल 346 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में थे।
जम्मू-कश्मीर में 2014 के विधानसभा चुनावों में, पीडीपी 28 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी। बाद में इसने भाजपा के साथ गठबंधन सरकार बनायी। भाजपा ने हालांकि, जून 2018 में अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे गठबंधन टूट गया और जम्मू-कश्मीर केंद्र सरकार के अधीन आ गया।
जम्मू-कश्मीर में एक दशक के बाद यह विधानसभा चुनाव हुआ है। इससे पिछले 2014 के चुनावों में 65.52 प्रतिशत मतदान की तुलना में इस बार 63.45 प्रतिशत मतदान हुआ।
पहले चरण में 18 सितंबर को 24 सीटों पर मतदान हुआ, 25 सितंबर को दूसरे चरण में 26 सीटों पर मतदान हुआ और एक अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण में शेष 40 सीटों पर मतदान हुआ। पिछले चुनावों में हुई हिंसा की घटनाओं के विपरीत यह चुनाव पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा और किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
चुनाव बाद सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) ने संकेत दिया है कि त्रिशंकु विधानसभा में नेकां-कांग्रेस गठबंधन को भाजपा पर बढ़त मिल सकती है।