संभल। मोहल्ला लक्ष्मणगंज में स्थित प्राचीन बावड़ी की खोदाई पिछले 13 दिनों से चल रही है। अब तक करीब 25 फीट गहराई तक खोदाई की जा चुकी है, और दूसरी मंजिल की सीढ़ियां, गेट और अन्य संरचनाएं दिखाई देने लगी हैं। बुधवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की टीम ने बावड़ी की जांच के बाद खतरों के संकेत पाए, जिसके बाद खोदाई का काम रोक दिया गया।
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एएसआई की जांच में पाया गया कि बावड़ी की दीवारें छोटी ईंटों से बनी हैं, जिन पर प्लास्टर नहीं है। इसके अलावा, दीवारें और गेट कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हैं। दूसरी मंजिल के नीचे ऑक्सीजन की कमी का भी संकेत मिला, जिससे मजदूरों के लिए जोखिम बढ़ गया। इन खतरों को ध्यान में रखते हुए, मजदूरों को अंदर जाने से रोक दिया गया और बाहर की खोदाई का कार्य जारी रखने का निर्देश दिया गया। अब आगे की खोदाई एएसआई की देखरेख में की जाएगी।
तीन दिन पहले एक स्थानीय व्यक्ति ने बावड़ी के अंदर जाकर शंखनाद किया था। बुधवार को वह फिर से बावड़ी के पास पहुंचा और हंगामा खड़ा कर दिया। उसने पुलिस और प्रशासन को अपशब्द कहे, जबकि मौके पर मौजूद पीएसी के जवान मूकदर्शक बने रहे।
हंगामे को शांत कराने के लिए सनातन सेवक संघ के प्रांत प्रचार प्रमुख कौशल किशोर वंदेमातरम और मंतेश गुप्ता ने व्यक्ति को समझाने का प्रयास किया, लेकिन उसने उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया। इसके चलते खोदाई का कार्य कुछ समय के लिए बाधित रहा। बाद में कौशल किशोर ने उस व्यक्ति के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी।
यह बावड़ी ऐतिहासिक महत्व की मानी जा रही है। अब तक खोदाई में दो मंजिलों की संरचनाएं सामने आ चुकी हैं, और माना जा रहा है कि इसके और भी गहरे हिस्से हो सकते हैं। खोदाई के दौरान संभावित खतरों को देखते हुए, सुरक्षा के सभी इंतजाम किए जा रहे हैं।
एएसआई की टीम ने मजदूरों और स्थानीय प्रशासन को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। जल्द ही दूसरी मंजिल की संरचना को और बेहतर तरीके से समझने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा।
इस प्राचीन बावड़ी की खोदाई और इसकी ऐतिहासिकता को लेकर स्थानीय लोगों में भी उत्सुकता बढ़ी हुई है। हालांकि, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खोदाई का कार्य धीरे-धीरे और सावधानीपूर्वक किया जाएगा।