गया। झारखंड की राजनीति में जारी उथल-पुथल के बीच केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को हटाने के तरीके को “अपमानजनक” बताते हुए सोमवार को कहा कि लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, “चंपई सोरेन को सीएम पद से हटाना दुर्भाग्यपूर्ण था। हम लोग भी दुखी हैं। ऐसा नहीं होता है कि किसी को इज्जत दी जाए और फिर कान पकड़ कर निकाल दिया जाए।
उन्होंने सात महीने अच्छा काम करके दिखाया।” मांझी ने कहा कि चंपई सोरेन अपने पूर्ववर्ती हेमंत सोरेन के पद चिह्नों पर चल रहे थे। कहीं से ऐसा नहीं लग रहा था कि पार्टी के खिलाफ कोई बात कह रहे थे। उन्होंने कहा, “हटाने की प्रक्रिया होती है। मेरा मानना है कि उस प्रक्रिया को अपनाना चाहिए था। जबरदस्ती उनका इस्तीफा लिया गया और उन्हें अपमानित करने का काम किया गया।” बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी को मान मर्यादा देकर उसको अपमानित करना उचित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में चंपई सोरेन अगर कहते हैं कि उन्हें ठेस लगी है, तो यह उचित है।
जम्हूरियत में ऐसा नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि रविवार को तमाम सियासी उठापटक के बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट पर लिखा, “चंपई दा आप टाइगर थे, टाइगर हैं और टाइगर रहेंगे। एनडीए परिवार में आपका स्वागत है।” इसके बाद चंपई सोरेन की एनडीए में शामिल होने की चर्चा जोर पकड़ने लगी। दरअसल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज है। कयास लगाए जा रहे हैं कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के छह विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। इन्हीं चर्चाओं के बीच चंपई सोरेन रविवार को राजधानी दिल्ली पहुंचे।
पूर्व सीएम से पत्रकारों ने जब भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “मैं अपने निजी काम के लिए दिल्ली आया हूं। मेरे बच्चे यहां रहते हैं, उनसे मिलने आया हूं। इसलिए, दिल्ली आना-जाना लगा रहता है। इसी वजह से आज भी दिल्ली आया हूं।” भाजपा में शामिल होने के सवाल पर चंपई सोरेन ने मीडिया के सामने एक बार फिर दोहराया, ”अभी मैं जहां पर हूं, वहीं हूं।” प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन 2 फरवरी 2024 से 3 जुलाई 2024 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।
हालांकि, हेमंत सोरेन ने जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली थी। उस समय भी मुख्यमंत्री पद से विदाई के बाद चंपई सोरेन की नाराजगी की खबरें सामने आई थीं। दावा तो यहां तक किया गया था कि काफी मनाने के बाद चंपई सोरेन ने हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में शामिल होने का प्रस्ताव स्वीकार किया था।