कलकत्ता। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पद छोड़ने वाले न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने मंगलवार को घोषणा की कि वह भारतीय जनता पार्टी में 7 मार्च को शामिल होंगे। आपको बता दें कि टीएमसी और कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं कि अगर जस्टिस गंगोपाध्याय राजनीति में आते हैं तो उनके पिछले फैसले सवालों के घेरे में आ जाएंगे।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने इस पर बोलते हुए कहा, ‘उन्हें (टीएमसी और कांग्रेस) कानून की कोई जानकारी नहीं है और उन्हें कुछ गलत लगता है तो वे मेरे खिलाफ मामला दायर कर सकते हैं। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति से खुश नहीं हैं और राज्य के लोगों के लिए कुछ करना चाहते हैं। कहा, ‘मैं जिस सीट से भी लड़ूंगा, इसकी जानकारी आप सभी को जरूर दूंगा। उन्होंने कहा, ‘सत्ताधारी पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) के प्रवक्ताओं ने बार-बार मेरी आलोचना की है। उन्हें नहीं पता कि किसी जज के बारे में वे ऐसी बातें नहीं कह सकते। उनके घोटाले सामने आ रहे हैं। मैंने अब राजनीति में उतरने का फैसला किया है, क्योंकि उन्होंने (टीएमसी) मुझे मैदान में आकर लड़ने के लिए चुनौती दी है। मैंने कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने आलोचकों को अपने खिलाफ केस दर्ज कराने की चुनौती दी, जो उनके राजनीति में शामिल होने और उनके पूर्व फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं।
कोलकाता में पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और उन्हें ‘बहुत मेहनती आदमी’ बताया. उन्होंने कहा, ‘तृणमूल के शासन में भ्रष्टाचार चरम पर है. पीएम मोदी बहुत मेहनती व्यक्ति हैं और वह इस देश के लिए कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं। जज बनने से पहले उन्होंने 24 वर्षों तक वकालत की. वह 2 मई 2018 को कलकत्ता हाई कोर्ट के एडिशनल जज बने, फिर 2020 में उन्हें प्रमोट होकर स्थायी जज बन गए. पश्चिम बंगाल के सियासी हलके में इस बात की काफी चर्चा है कि जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय तामलुक संसदीय सीट से बीजेपी के टिकट पर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।