नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने बाल अधिकारों के संरक्षण और बाल कल्याण सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए गैर सरकारी संगठन बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) को ‘वत्सल भारत पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
बीबीए ने शनिवार को यहां बताया कि प्रशस्ति पत्र में देश में बाल अधिकारों के संरक्षण और बाल कल्याण सुनिश्चित करने की दिशा में बचपन बचाओ आंदोलन के योगदान की सराहना की गयी है।
देश में बाल अधिकार संरक्षण अभियानों के अग्रदूत बीबीए ने पिछले चार दशकों में सीधी छापामार कार्रवाइयों के जरिए सवा लाख से भी ज्यादा बच्चों को बाल मजदूरी के चंगुल से मुक्त कराया है। बीबीए के कार्यकारी निदेशक धनंजय टिंगल ने इस पुरस्कार पर प्रसन्नता जताते हुए कहा, “यह देश में बच्चों के अधिकारों के संरक्षण और उनके कल्याण के लिए दशकों से किए जा रहे प्रयासों का सम्मान है। बीबीए के संघर्षों के नतीजे में ही बाल अधिकार और बाल कल्याण का मुद्दा मुख्य धारा के विमर्श में शामिल हो पाया है तथा बाल मजदूरी, बाल विवाह और बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ कई कानून अस्तित्व में आए हैं।
इस संगठन की स्थापना नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने की है।